4000 साल से भी पुराने हैं ये पिरामिड, जिन्हें PM Modi देखने पहुंचे; प्राचीन मिस्र के 'फराओ' ने कराया था निर्माण
काहिरा। egyptian pyramids : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को तय कार्यक्रम से हटकर दुनिया के सात अजूबों में शामिल गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे जिसका निर्माण 4000 साल से भी पहले हुआ था। मिस्र के पिरामिड, ताजमहल या पेरिस में एफिल टावर जैसे दुनिया में सबसे ज्यादा लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में शामिल है।
तीन पिरामिड में से सबसे बड़ा काहिरा के ठीक बाहर एक चट्टान पर बना ग्रेट पिरामिड है, जिसकी ऊंचाई 146.5 मीटर है। इसका निर्माण उस समय मिस्र के फराओ खुफू ने करवाया था। नयी दिल्ली में 13वीं सदी की शुरुआत में बनी कुतुब मीनार 72.5 मीटर ऊंची है।
तीनों पिरामिड का निर्माण 2600 ईसा पूर्व और 2500 ईसा पूर्व के बीच प्राचीन साम्राज्य के चौथे राजवंश के शासन के दौरान किया गया था। प्राचीन मिस्र के इतिहास को तीन मुख्य काल प्राचीन साम्राज्य (लगभग 2700 से 2200 ईसा पूर्व), मध्य साम्राज्य (2050 से 1800 ईसा पूर्व) और नया साम्राज्य (1550 से 1100 ईसा पूर्व) में विभाजित किया गया है।
प्राचीन मिस्र के साम्राज्यों पर सर्वशक्तिमान फराओ या राजाओं का शासन था, जिन्हें दैवीय शख्सियतों के रूप में देखा जाता था। वे अपने शासन और विरासत को अमर बनाने के लिए, मंदिरों सहित शानदार निर्माण परियोजनाओं में शामिल रहे।
खुफू के पूर्ववर्तियों ने भी छोटे पिरामिड बनवाए लेकिन वे अपूर्ण संरचनाएं थीं, जो अब खंडहर हो चुकी हैं। खुफू का ग्रेट पिरामिड अपनी कलात्मकता, आकार और रूपरेखा के लिए उल्लेखनीय है।
फराओ द्वारा पिरामिड का निर्माण अपने मकबरे के रूप में किया जाता था, जिसमें उन्हें सोने के आभूषणों और सजावट की अनगिनत संपत्ति के साथ इस विश्वास के साथ दफनाया जाता था कि उन्हें बाद के जीवन में उनकी आवश्यकता होगी।
आधुनिक इमारतों के बनने से पहले ग्रेट पिरामिड 4,000 से अधिक वर्षों तक दुनिया की सबसे ऊंची संरचना थी। अन्य दो पिरामिड 136.4 मीटर ऊंचे और 65 मीटर ऊंचे हैं जो क्रमश: फराओ खफरे और फराओ मेक्योर के हैं।
लगभग तीन टन वजन वाले विशाल पत्थर के खंड से बने पिरामिड, एकमात्र प्राचीन आश्चर्य हैं जो काफी हद तक मूल स्वरूप में बरकरार हैं। काहिरा शहर के ठीक बाहर, गीजा नेक्रोपोलिस या कब्रिस्तान में स्थित, पिरामिड मानव सभ्यता में एक गौरवशाली समय का प्रतीक हैं।
गीजा के पिरामिड और आधे मानव-आधे शेर की आकृति वाले स्फिंक्स समेत मेम्फिस क्षेत्र के प्राचीन खंडहर को सामूहिक रूप से 1979 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक पिरामिड देखने आते हैं।
अमेरिका की सफल राजकीय यात्रा के बाद, मोदी मिस्र की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दूसरे दिन पिरामिड को देखने पहुंचे। Edited By : Sudhir Sharma