कुर्सी पर 100 गुब्बारे बांधकर उड़ा 16 मील
ब्रिस्टल। जरूरी नहीं है कि आम आदमी की तरह सोचने वाला कोई भी व्यक्ति असाधारण बात सोच या कर नहीं सकता है। लेकिन अगर दक्षिण अफ्रीका के टॉम मार्गन की सैर के बारे में जानें तो हमें लगेगा कि कुछ करने की इच्छा आदमी को सफल बनाने के लिए काफी है। टॉम ने हवाई सैर करने के बारे में सोची लेकिन उनके पास उड़ने का कोई उपकरण या यंत्र नहीं था। फिर भी वे निराश नहीं हुए क्योंकि बहुत से लोगों को उन्होंने पैरासूट और प्लेन के सहारे हवाई सैर करते देखा।
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लेकिन उनके पास संसाधनों की कितनी कमी थी कि आप सोच भी नहीं सकते हैं। उनके पास मात्र एक कुर्सी और एक सौ गुब्बारे थे। टॉम ने अब तक किसी को कुर्सी के सहारे उड़ते नहीं देखा होगा लेकिन उन्होंने ऐसा करने का जोखिम अवश्य दिखाया। उन्होंने अभी कुर्सी से एक सौ गुब्बारों को बांधा और खुद को कुर्सी से बांध लिया ताकि किसी प्रकार की दिक्कत होने पर वे सुरक्षित नीचे उतर आएं।
लेकिन 'खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान' के तर्क को साकार करते हुए कम से कम 16 मील तक हवा में घूम आए। टॉम को भी भरोसा था कि लोग कुछ अलग और अनोखा करने की कोशिश करते हैं तो वे क्यों ऐसा नहीं कर सकते हैं? अपने इसी शौक के चलते हाल ही में 38 साल के टॉम ने करीब 100 गुब्बारों में हीलियम गैस भरी यानी कि गुब्बारों में हीलियम गैस भरी। इसके बाद उन सारे गुब्बारों को कुर्सी से बांध कर आसमान में उड़े। वह आराम से करीब 16 मील तक हवा में घूमे, उन्हें काफी मजा आया और वे वापस धरती पर वापस आ गए।
उनके बारे में खास बात यह है कि ऐसा पहली बार नहीं था जबकि हालांकि उन्होंने पहली बार ऐसा कारनामा कर दिखाया हो। सूत्रों के मुताबिक, इसके पहले वह करीब तीन बार बोत्सवाना में भी यह कारनामा कर चुके हैं। वहीं इस संबंध में टॉम मॉर्गन का कहना है कि यह काम थोड़ा रिस्की जरूर था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी क्योंकि वह हमेशा कुछ अलग करने की कोशिश में रहते हैं।
हिम्मतां मददे खुदा को साकार करने वाले ब्रिस्टल इंग्लैंड के टॉम इस तरह के रोमांच के लिए वह कुछ न कुछ नया तलाशते रहते हैं। ऐसे में जब उन्होंने एक लेख में पढ़ा कि 1905 में गुब्बारों में गैस भरी गई थी तो उन्हें लगा कि एक बार उन्हें भी इसे ट्राई करना चाहिए। बस इसके बाद ही उन्होंने इसकी प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी। फिलहाल वह अभी इसी तरीके से और ज्यादा घूमना चाहते हैं।
पर विदित हो कि टॉम मॉर्गन से पहले साउथ अमेरिका में भी एक व्यक्ति ने कुछ ऐसा ही कारनामा किया था। हालांकि जिस व्यक्ति ने यह कारनामा किया था वह काफी ऊंचाई पर चला गया था और फिर वापस नहीं आया था। इसलिए उसकी सफलता को लेकर भी संदेह है लेकिन टॉम ने जो रास्ता अपनाया वह सुरक्षित भी है और आसान भी है।