• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. european union google fine on google
Written By
Last Updated :ब्रुसेल्स , बुधवार, 18 जुलाई 2018 (22:08 IST)

यूरोपीय संघ ने गूगल पर लगाया 34 हजार करोड़ रुपए का रिकॉर्ड जुर्माना, प्रतिस्पर्धा नियम तोड़ने का दोषी पाया

यूरोपीय संघ ने गूगल पर लगाया 34 हजार करोड़ रुपए का रिकॉर्ड जुर्माना, प्रतिस्पर्धा नियम तोड़ने का दोषी पाया - european union google fine on google
ब्रुसेल्स। यूरोपीय संघ ने बाजार में एंड्रायड प्रणाली के वर्चस्व की स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर इंटरनेट सेवाएं देने वाली कंपनी गूगल पर 4.34 अरब यूरो (करीब पांच अरब डॉलर) (भारतीय मुद्रा में करीब 34,000 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगा दिया।


यह प्रतिस्पर्धा प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर यूरोपीय संघ द्वारा किसी भी कंपनी पर लगाया गया अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। यूरोपीय संघ की प्रतिस्पर्धा आयुक्त मार्गरेट वेस्टगर ने कहा कि गूगल ने अपने ब्राउजर और सर्च इंजन के बाजार के विस्तार के लिए एंड्राइड के दबदबे का दुरुपयोग किया है।

यह निर्णय तीन साल की जांच के बाद ऐसे समय में आया है जब अमेरिका द्वारा इस्पात एवं एल्युमिनीयम पर शुल्क लगाने के कारण अमेरिका के साथ यूरोपीय संघ का पहले ही विवाद चल रहा है। वेस्टगर ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूरोपीय संघ ने प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन को लेकर गूगल पर 4.34 अरब यूरो का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि गूगल इंटरनेट सर्च में अपनी हिस्सेदारी को मजबूत करने के लिए अवैध गतिविधियों में संलिप्त है। उसे 90 दिनों के भीतर ये गतिविधियां बंद करनी होंगी वर्ना उसे औसत दैनिक राजस्व का पांच प्रतिशत जुर्माना के तौर पर भुगतान करना होगा।

इससे पहले गूगल पर खरीदारी के एक मामले में 2017 में यूरोपीय संघ रिकॉर्ड 2.4 अरब डॉलर का जुर्माना लगा चुका है। गूगल के प्रवक्ता अल वर्नी ने एक बयान में कहा कि कंपनी इस जुर्माने के खिलाफ अपील करेगी। उन्होंने कहा कि एंड्राइड ने लोगों के लिए अधिक मौके सृजित किए हैं, कम नहीं किए।

वर्नी ने कहा कि मजबूत पारिस्थितिकी, तेज नवाचार और कम कीमतें शानदार प्रतिस्पर्धा के पारंपरिक सूचक हैं। हम यूरोपीय संघ के निर्णय के खिलाफ अपील करेंगे। वेस्टगर ने जुर्माने के निर्णय की अग्रिम सूचना देने के लिए मंगलवार की रात गूगल सीईओ सुंदर पिचाई से फोन पर बातें की थीं।

वेस्टगर ने कहा कि गूगल ने सैमसंग और हुआवे जैसी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के साथ गठजोड़ कर स्मार्टफोनों में अपना ब्राउजर और सर्च इंजन प्रीइंस्टॉल करा प्रतिस्पर्धियों के मौके छीने। उन्होंने कहा कि गूगल ने अपनी कई अन्य एप एवं सेवाओं के इस्तेमाल के बदले गूगल सर्च को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाने की बाध्यता रखी।

इनके अलावा उसने गूगल सर्च को प्री-इंस्टॉल कराने के लिए स्मार्टफोन निर्माताओं एवं मोबाइल नेटवर्क कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन भी दिए। इससे पहले यूरोपीय संघ अमेरिका की दो अन्य बड़ी कंपनियों एप्पल और फेसबुक पर भी भारी-भरकम जुर्माना लगा चुका है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार शुल्क को लेकर जारी तनाव के बीच इस निर्णय से तनाव नए उच्च स्तर तक पहुंच सकता है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
'महागठबंधन' का पायलट प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश से शुरू होगा...