चीन ने क्यों अपने ही पत्रकारों को डाल दिया जेल में?
चीन अपनी मनमानी के लिए जाना जाता है। लेकिन कई बार वो यह मनमानी अपने ही देश के लोगों के साथ करता है। हाल ही में उसने ऐसा ही कुछ किया है।
दरअसल, चीन ने गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से हुई झड़प में अपने सिर्फ 4 सैनिकों के ही मरने की बात पिछले दिनों कही थी। चीन ने यह खुलासा भी 8 महीने बाद ही किया था, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स से उलट उसने आंकड़ा काफी कम बताया था।
अब इस आंकड़े पर सवाल उठाने वाले अपने ही देश के तीन पत्रकारों को चीन ने अरेस्ट कर लिया है। चीनी अथॉरिटीज का कहना है कि पूछताछ के लिए इन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में 38 वर्षीय किउ जिमिंग भी हैं।
वह इकनॉमिक ऑब्जर्वर के साथ काम कर चुके हैं। चीन की ओर से सैनिकों के मारे जाने के आंकड़े रिलीज किए जाने के बाद शनिवार को उन्हें अरेस्ट किया गया। किउ पर आरोप है कि उन्होंने आंकड़ों पर सवाल उठाकर सेना की शहादत का अपमान किया है।
इससे पहले चीनी सेना ने आधिकारिक तौर पर बताया था कि इस झड़प में उसके 4 सैनिकों की मौत हुई थी और एक सैनिक की मौत बाद में हुई थी। बीते साल 15 जून को भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में झड़प हो गई थी।
इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। उस वक्त चीनी सेना ने कोई आंकड़ा जारी नहीं किया था, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में 40 से 50 सैनिकों की मौत की बात कही गई थी। हालांकि चीन ने 8 महीने बाद मौत की बात तो स्वीकारी, लेकिन आंकड़ा सिर्फ 4 का ही दिया। चीन सरकार के इसी आंकड़े पर सवाल उठाते हुए किउ ने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर टिप्पणी की थी और आंकड़ा कुछ ज्यादा होने की बात कही थी।
इसके अलावा किउ ने चीन सरकार की ओर 8 महीनों के बाद आंकड़ा जारी करने पर भी सवाल उठाया था। किउ ने लिखा था, 'भारत के नजरिए से देखें तो वे जीत गए और कीमत भी कम चुकाई।' शनिवार को उनकी गिरफ्तारी के बाद नानजिंग की पुलिस ने बताता कि शहीद हुए 4 सैनिकों के अपमान और गलत जानकारी देने का आरोप में उन्हें अरेस्ट किया गया है।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें समाज में गलत प्रभाव डालने वाली जानकारी देने के आरोप में अरेस्ट किया गया है। उनके अलावा रविवार को एक अन्य ब्लॉगर को बीजिंग से अरेस्ट किया गया है। वहीं 25 वर्ष के एक ब्लॉगर यांग को दक्षिण पश्चिमी सूबे सिचुआन से अरेस्ट किया गया है।