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Last Updated : रविवार, 21 फ़रवरी 2021 (00:11 IST)

क्‍या देपसांग, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से सैन्‍य वापसी पर बनेगी बात? भारत-चीन के बीच 10वें दौर की वार्ता

क्‍या देपसांग, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से सैन्‍य वापसी पर बनेगी बात? भारत-चीन के बीच 10वें दौर की वार्ता - 10th round of corps commander level talks between india and china underway in moldo
नई दिल्ली। भारत तथा चीन ने शनिवार को एक और दौर की सैन्य वार्ता की जिसमें चर्चा का मुख्य बिंदु पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रहा।
 
पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर से भारत और चीन के सैनिकों, अस्त्र-शस्त्रों तथा अन्य सैन्य उपकरणों को हटाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के दो दिन बाद कोर कमांडर स्तर की 10वें दौर की यह वार्ता संपन्न हुई।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक सुबह 10 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की तरफ मोल्दो सीमा क्षेत्र में शुरू हुई जो रात 9.45 बजे तक जारी रही।
 
उन्होंने कहा कि भारत इस दौरान क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी तेज गति से सैन्य वापसी पर जोर देगा।
दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध को 9 महीने हो गए हैं। समझौते के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है तथा अस्त्र-शस्त्रों, अन्य सैन्य उपकरणों, बंकरों एवं अन्य निर्माण को भी हटा लिया है।
 
सूत्रों ने कहा कि 10वें दौर की वार्ता में चर्चा का मुख्य बिंदु अन्य इलाकों से भी वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का है। दोनों पक्ष इसके लिए तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए वार्ता कर रहे हैं।
 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में एक बयान में कहा था कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का समझौता हो गया है।
 
उन्होंने कहा था कि समझौते के अनुरूप चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को हटाकर पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर आठ क्षेत्र की पूर्व दिशा की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा था कि भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी शिविर धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा। सिंह ने कहा था कि इसी तरह का कदम पैंगोंग झील के दक्षिणी तट क्षेत्र में उठाया जाएगा।
 
रक्षा मंत्री ने कहा था कि इस पर सहमति बनी है कि पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक अन्य सभी मुद्दों को हल के लिए बुलाई जाएगी।
 
पैंगोंग झील क्षेत्र से सैन्य वापसी की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई थी जो गत बृहस्पतिवार को पूरी हो गई। दोनों देशों के बीच 0वें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। वहीं, चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन कर रहे हैं जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं।
 
दोनों देशों के बीच पिछले साल पांच मई को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था और फिर हर रोज बदलते घटनाक्रम में दोनों पक्षों ने भारी संख्या में सैनिकों तथा घातक अस्त्र-शस्त्रों की तैनाती कर दी थी।
 
गतिरोध के लगभग पांच महीने बाद भारतीय सैनिकों ने कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर क्षेत्र में मुखपारी, रेचिल ला और मगर हिल क्षेत्रों में सामरिक महत्व की कई पर्वत चोटियों पर तैनाती कर दी थी।
 
नौवें दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेषकर पैंगोंग झील के उत्तरी क्षेत्र में फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था। वहीं, चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर सामरिक महत्व की चोटियों से भारतीय सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था। (भाषा)
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