5 सालों में 50 हजार किमी साइकल चला चुके हैं नीरज याग्निक
इंदौर। 3 जून को दुनियाभर विश्व साइकल दिवस मनाया जाता है। भागमभाग भरी जिंदगी में आज परिवहन के लिए साइकल हमसे बहुत दूर हो गई है, लेकिन साइकलिंग करना हेल्थ के लिए आवश्यक है। साइकलिंग करने से स्फूर्ति के साथ शरीर के हर अंग का व्यायाम हो जाता है।
हम आपको रूबरू करवा रहे हैं इंदौर के ऐसे साइकलिस्ट नीरज याग्निक से, जिन्होंने पिछले 5 वर्षों में 50 हजार किलोमीटर तक की साइकल यात्रा कर चुके हैं। नीरज याग्निक की उम्र 50 साल से ज्यादा है। विभिन्न बीमारियां भी हो चुकी हैं। उनका एक ऑपरेशन भी हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी वे लगातार साइकलिंग करते हुए भारत देश के कई शहरों की यात्रा कर चुके हैं।
अब तक कितने किलोमीटर की साइकल यात्रा कर चुके हैं? प्रमुख स्थानों का भी उल्लेख करें?
पिछले 5 वर्षों में 50 हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर चुका हूं, जिसमें 25 हजार लंबी दूरी की रही कश्मीर से कन्याकुमारी, लेह मनाली, इंदौर से अयोध्या, हल्दीघाटी से इंदौर, द्वारका से डिब्रूगढ़ जैसे स्थान रहे।
कौनसी यात्रा सबसे ज्यादा रोमांचक रही?
हर यात्रा का अपना अलग रोमांच होता है... कश्मीर कन्याकुमारी में लाल चौक पर धारा 370 की समाप्ति के बाद झंडा फहराना, सेना से सम्मान मिलना... नॉर्थ इंडिया से लेकर साउथ की सभ्यता देखना रोमांचकारी होता है। द्वारका से डिब्रूगढ़ में नॉर्थ ईस्ट में साइकलिंग के दौरान एक जगह से नेपाल तो दूसरी तरफ बांग्लादेश का रास्ता। नर्मदा परिक्रमा के साधू-संतों से मिलना, ग्रामीणों का 4 परिक्रमावासियों के प्रति प्यार व सम्मान। अयोध्या जाते वक्त लोगों का रोकरोककर रामशिला के साथ फोटो खिंचवाना।
पहली बार कब और कहां तक साइकल यात्रा की?
2015 में इन्दौर से मांडव और मांडव से इंदौर पहली राइड थी।
साइकल यात्रियों को किस तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है?
साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनें, रिफ्लेक्टिंग जैकेट पहनें, अपनी लेन में साइकिल चलाएं। यातायात का भी ध्यान रखें।
क्या महाराणा प्रताप जयंती के मद्देनजर ही हल्दीघाटी को चुना या फिर कोई और भी उद्देश्य था?
महाराणा प्रताप व महाराजा छत्रसाल का नाम सुनते ही वीरता की कल्पना होने लगती है, शौर्य दिखाई देने लगता है... ख्याल आया कि कुछ शौर्य का काम करना चाहिए... हल्दीघाटी का नाम शौर्य की गाथाओं से जुड़ा हुआ है... तो सोचा वहीं से कुछ करना चाहिए।
साइकल चलाने से फिटनेस पर क्या असर होता है?
साइकल चलाने से न सिर्फ फिट रहा जा सकता है बल्कि घुटनों एवं कमर दर्द की समस्याओं से भी समाधान पाया जा सकता है, डायबिटीज व ब्लडप्रेशर के लिए साइक्लिंग बहुत ही उपयोगी है।