इंदौर में मंगलवार को 'रावण दहन', किसी रावण को रेनकोट पहनाया तो किसी को हेलमेट...
इंदौर। विजयादशमी के पर्व पर इंदौर में मंगलवार को 'रावण दहन' का कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों में हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाने की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। चूंकि इस बार मानसून लंबे समय तक चला लिहाजा, 'रावण दहन' के आयोजकों ने विशेष सावधानी बरती है।
इंदौर में रोजाना ही असमय की बारिश ने नवरात्र के गरबों को तो प्रभावित किया ही है साथ ही साथ रावण दहन की तैयारियों को भी प्रभावित किया। दशहरा मैदान पर परंपरागत रावण को इस बार रेनकोट पहनाया गया है ताकि दहन के वक्त बारिश भी बाधा नहीं पहुंचा सके।
शहर में दशहरा मैदान पर होने वाले रावण दहन का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। कई दशक पहले इंदौर में एकमात्र रावण दहन का महाआयोजन दशहरा मैदान पर ही होता था, लेकिन समय बदलने और शहर का विस्तार होने के कारण अन्य हिस्सों में भी रावण बनाए जाने लगे। दशहरा मैदान पर पिछले 55 साल से रावण का दहन किया जा रहा है। इस बार यहां 111 फीट का रावण बनाया गया है।
छावनी क्षेत्र में भी कई सालों से 'रावण दहन' का कार्यक्रम होता आया है। पहले 'रावण दहन' का कार्यक्रम जीपीओ चौराहे पर होता था, लेकिन वहां पर बिल्डिंग बनने से अब इसका दहन सरकारी स्कूल मैदान में होता है, जो कि छावनी जाने के रास्ते में पड़ता है।
छावनी में बने रावण को वॉटरप्रुफ बनाया है। यदि शाम के वक्त बारिश भी आती है तो 'रावण दहन' के कार्यक्रम में विघ्न नहीं पड़ेगा। साथ ही साथ इस बुलेट प्रुफ रावण में रखे गए पटाखे भी अपनी बुलंदी के साथ छूटेंगे।
दशहरा मैदान, छावनी और इसके बाद विजय नगर क्षेत्र में 'रावण दहन' देखने के लिए काफी भीड़ जमा होती है। नए बसे इंदौर कहे जाने वाले विजय नगर क्षेत्र में भी 'रावण दहन' का कार्यक्रम विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। इसके दहन को देखने के लिए भारी जमावड़ा होता है।
विजय नगर में इस बार 'रावण दहन' का आयोजन इसलिए भी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि यहां रावण को हेलमेट पहनाया गया है। यह रावण शहरवासियों को सुरक्षा का संदेश देता हुआ नजर आ रहा है। इंदौर में बिना हेलमेट 2 पहिया वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ यातायात पुलिस ने मुहिम छेड़ रखी है, क्योंकि कई वाहन चालकों की मौत सिर्फ इसलिए हुई कि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था।