इंदौर में तेंदुआ 'घोटाला', गायब हुई थी मादा, 6 दिन बाद मिला नर
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में एक जख्मी तेंदुआ शावक के कमला नेहरू चिड़ियाघर से गायब होने और इसके 6 दिन बाद वन विभाग के दफ्तर के पास मिलने के घटनाक्रम की सरकारी कहानी कई लोगों के गले नहीं उतर रही है।
अधिकारियों के मुताबिक अपनी मां से बिछड़ने के बाद बुरहानपुर के जंगल में बचाए गए तेंदुआ शावक को एक दिसंबर की रात घायल हालत में इंदौर के चिड़ियाघर लाया गया था और तब वन विभाग के दस्तावेजों में उसे मादा बताया गया था, लेकिन मंगलवार (7 दिसंबर) को जिस तेंदुआ शावक को इंदौर में वन विभाग के दफ्तर के पास पकड़ा गया, वह चिड़ियाघर प्रशासन की जांच में नर निकला है। इस मामले में वन विभाग का दावा है कि यह वही तेंदुआ शावक है जो चिड़ियाघर से गायब हुआ था और एक पशु चिकित्सक द्वारा उसका लिंग पहचानने में चूक के कारण यह स्थिति बनी।
इंदौर रेंज के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) एचएस मोहंता ने बुधवार को कहा कि बुरहानपुर के जंगल में बचाए गए तेंदुआ शावक को एक पशु चिकित्सक ने उसके अनुमान के आधार पर सरकारी दस्तावेजों में मादा बताया था, लेकिन अब स्पष्ट हो चुका है कि यह शावक नर है। तेंदुआ शावक के इलाज की अगुवाई कर रहे चिड़ियाघर प्रभारी उत्तम यादव ने बताया कि वन विभाग ने हमें मंगलवार को 7-8 महीने का नर तेंदुआ शावक सौंपा है। उसके पिछले पैरों में लकवे का असर है जिससे वह बहुत कम चल-फिर पा रहा है। उन्होंने कहा कि तेंदुआ शावक काफी कमजोर हो चुका है और उसके शरीर में पानी की कमी हो चुकी है।
चश्मदीदों के मुताबिक तेंदुआ शावक को वन विभाग के दफ्तर के पास जिस जगह ढूंढने का दावा किया गया, वह स्थान चिड़ियाघर से करीब तीन किलोमीटर दूर है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सघन आबादी वाले शहरी क्षेत्र में पिछले 6 दिनों के दौरान वह किसी व्यक्ति को क्यों नहीं दिखा और जख्मी होने के बावजूद वह चिड़ियाघर की चहारदीवारी फांदकर वह इतनी दूर कैसे पहुंच गया? इस बारे में पूछे जाने पर चिड़ियाघर प्रभारी ने कहा कि हमारे लिए भी यह संदेह का विषय है कि आंशिक रूप से लकवे का शिकार होने के बावजूद तेंदुआ शावक चिड़ियाघर से बाहर निकलकर इतनी दूर कैसे जा सकता है? हम इस बारे में जांच कर रहे हैं। राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने तेंदुआ शावक के गायब होने और मिलने के मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
चिड़ियाघर प्रभारी यादव ने बताया कि वन विभाग का दल तेंदुआ शावक के पिंजरे वाली गाड़ी को एक दिसंबर की रात चिड़ियाघर परिसर में छोड़कर रवाना हो गया था। उन्होंने कहा कि हमने वन विभाग के अफसरों को पहले ही बता दिया था कि हम रात के वक्त तेंदुआ शावक को चिड़ियाघर के पिंजरे में स्थानांतरित नहीं कर सकते। यादव के मुताबिक तेंदुआ शावक को स्थानांतरित करने के लिए वन विभाग की गाड़ी में रखा पिंजरा दो दिसंबर की सुबह देखा गया, तो उसकी जाली टूटी मिली थी और यह वन्य जीव उसमें नहीं था।(भाषा)(फ़ाइल चित्र)