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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 7 मार्च 2025 (17:38 IST)

Dadu dayal jayanti 2025: संत दादू दयाल कौन थे, जानें उनके बारे में

Dadu dayal jayanti 2025: संत दादू दयाल कौन थे, जानें उनके बारे में - saint dadu dayal jayanti 2025
Who is Saint Dadu Dayal : संत दादू दयाल एक महान संत, समाज सुधारक और कवि थे। संत दादू दयाल का जन्म 1544 ई. में गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। उन्होंने 16वीं शताब्दी में भक्ति आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। दादू दयाल को मुगल बादशाह के समकालीन कहा जाता है।ALSO READ: वास्‍तु के संग, रंगों की भूमिका हमारे जीवन में
 
संत दादू दयाल का जीवन परिचय: धार्मिक मान्यतानुसार संत दादू दयाल का जन्म फाल्गुन मास की सुदी अष्टमी (8) संवत् 1601 तथा सन् 1544 ई. को अहमदाबाद हुआ था। उनके पिता का नाम लोदीराम तथा माता बसी बाई थी। उनके पिता पिंजारा/ धुनिया (रुई धुनने वाली जाति) के थे। उन्होंने हमेशा जीवन में सादगी, सफलता और निश्छलता पर विशेष बल दिया। दादू दयाल जी ने विभिन्न प्रकार के सामाजिक आडंबर, पाखंड एवं सामाजिक भेदभाव का खंडन किया।
 
उन्होंने एक निर्गुणवादी संप्रदाय की स्थापना की, जो दादूपंथ के नाम से जाना जाता है। उनके अनुयायियों को 'दादूवाणी' के नाम से भी जाना जाता है। दादू दयाल ने अपनी वाणी में सर्वशक्तिमान कबीर साहेब जी की महिमा का वर्णन किया है। दादू दयाल को उनके सरल भाषा एवं विचारों के आधार पर 'राजस्थान का कबीर' भी कहा जाता है।
 
दादू दयाल की शिक्षाएं:
• उन्होंने सभी धर्मों के लोगों को एक साथ रहने और प्यार करने का उपदेश दिया।
• दादू दयाल ने ईश्वर की एकता और प्रेम पर जोर दिया।
• उन्होंने जातिवाद और सामाजिक भेदभाव का विरोध किया।
• उन्होंने लोगों को सादा जीवन जीने और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया।
 
दादू दयाल के उल्लेखनीय कार्य और महत्वपूर्ण योगदान: 
• दादू दयाल ने समाज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
• उन्होंने लोगों को धार्मिक और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक किया।
• उन्होंने लोगों को प्रेम, करुणा और सद्भाव का संदेश दिया।
दादू दयाल एक महान संत थे जिन्होंने अपने जीवन और शिक्षाओं से लाखों लोगों को प्रेरित किया।
 
निधन: दादू दयाल जी का निधन जेठ वदी अष्टमी, संवत् 1660 तथा सन् 1603 ई. में राजस्थान के नारायणा में हुआ था।

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