अगर आप भी विदेश भ्रमण करना चाहते हैं तो सिंगापुर द्वीप को चुनना आपके लिए फायदेमंद रहेगा, क्योंकि यहां पर कई धर्मों में विश्वास रखने वाले, विभिन्न देशों की संस्कृति, इतिहास तथा भाषा के लोग एकजुट होकर रहते हैं।
सिंगापुर दक्षिण एशिया में मलेशिया तथा इंडोनेशिया के बीच में स्थित है। वैसे तो सिंगापुर को सिंहों का पुर माना जाता है यानी इसे सिंहों का शहर भी कहा जाता है। इस शहर को प्रकृति का वरदान प्राप्त है। यहां मुख्य रूप से चाइनीज और अंग्रेजी भाषा प्रचलित हैं। यहां कई मनोरंजक स्थल हैं, साथ ही यह आधुनिक तकनीक तथा सर्वसुविधा युक्त संपन्न शहर है।
सैर-सपाटे की दृष्टि से कई प्रकार के मनोरंजक स्थल मौजूद हैं, जो पर्यटकों का मन लुभाते हैं। विश्व के सबसे प्रमुख बंदरगाहों में से एक सिंगापुर है तथा यह प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी है। यहां का हवाई अड्डा आधुनिक तकनीक तथा सर्वसुविधा संपन्न है। यहां के कई मनमोहक दृश्य देखने के बाद आंखों के सामने उन नजरों को हटाना मुश्किल सा लगता है।
सिंगापुर का रुख करने के बाद अगर आप वहां भारत देखना चाहते हैं तो एक स्थान ऐसा भी है, जहां पर भारतीय खान-पान और सारी अन्य वस्तुएं आसानी से मिल जाती है। दक्षिण भारतीय उडलैंड होटल के पास आप कई तरह की चीजें देख सकते हैं। इसके साथ ही यहां अनेक तरह की भारतीय पोशाकें भी आसानी से प्राप्त जाती है। सिंगापुर के बड़े-बड़े बहुमंजिला मॉल्स में भी आपको हर तरह का भारतीय सामान देखने को मिल सकता हैं।
सिंगापुर क्यों है खास, जानिए कुछ विशेष बातें :
* एक किंवदंती के अनुसार चौदहवीं शताब्दी में सुमात्रा द्वीप का एक हिंदू राजकुमार जब शिकार हेतु सिंगापुर द्वीप गया, तो वहां के जंगलों में सिंहों को देखकर उसने उक्त द्वीप का नामकरण सिंगापुरा अर्थात् सिंहों का द्वीप कर दिया था।
* सिंगापुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में यहां के तीन संग्रहालय, जूरोंग बर्ड पार्क, रेप्टाइल पार्क, जूलॉजिकल गार्डन, साइंस सेंटर सेंटोसा द्वीप, पार्लियामेंट हाउस, हिन्दू, चीनी व बौद्ध मंदिर तथा चीनी व जापानी बाग देखने लायक हैं।
* यहां पर जंगल, पहाड़, झरने तथा यहां के लहलहाते पेड़-पौधों व फूलों के बीच से रेलगाड़ी गुजरती है। यह देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो हम कोई स्वप्न देख रहे हो। यहां के बॉटनिकल गार्डन में विभिन्न प्रकार के रंगबिरंगे आर्किड फूल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
* यहां पर तरह-तरह के पक्षी तथा रंगबिरंगे फूल और प्रकृति के सुंदर रूप को आप देख सकते हैं। इतना ही नहीं आप बहती लहरों पर सूर्यास्त का नजारा देख सकते हैं।
* सिंगापुर के चिड़ियाघर सैलानियों के मनोरंजन के लिए उपयुक्त स्थल है। यहां कई प्रकार के वन्य जीव भी दिखाई देते हैं - जैसे, चिंपाजी, कोमोटोड्रेगन, पोलरबीयर इत्यादि।
* यहां आने पर पर्यटक, क्रूज ट्रिप का आनंद उठा सकते हैं अथवा जहाजों के माध्यम से द्वीप के हर आकर्षित स्थल को देख सकते हैं। यहां का म्यूजिकल फाउंटेन भी आकर्षित किए बिना नहीं रह सकता।
* हौपरविला थीम पार्क अनोखा तथा सैलानियों के मन को मोह लेने वाला है। चीन की संस्कृति को इस विशाल पार्क में प्रदर्शित किया गया है।
* सन् 1965 में यह मलेशिया से अलग होकर नए सिंगापुर राष्ट्र का उदय हुआ।
* सिंगापुर डॉलर व सेंट के सिक्कों पर आधुनिक नाम सिंगापुर व पुराना नाम सिंगापुरा आज भी अंकित रहता है।
* एशिया में सिंगापुर को व्यंजनों की राजधानी मानी जाती है।
* रात्रि में सिंगापुर एक क्षितिज की तरह दमकता हुआ दिखाई देता है।
* अगर आप सिंगापुर में खरीददारी करना चाहते हैं, तो यहां हर वस्तु उचित मूल्य पर मिलती है।
* नव दंपति जो विदेश में अपना हनीमून मनाने चाहते हैं, उनके लिए सिंगापुर का बहुत क्रेज है।
सिंगापुर क्यों है व्यापार का प्रमुख केंद्र :
दूसरी ओर दक्षिण-पूर्व एशिया में, निकोबार द्वीप समूह से लगभग 1500 कि.मी. दूर एक सुंदर व विकसित देश सिंगापुर पिछले कई वर्षों से पर्यटन के क्षेत्र में व व्यापार का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यह भी माना जाता है कि आधुनिक सिंगापुर की स्थापना सन् 1819 में सर स्टेमफोर्ड रेफल्स ने की थी। जिन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी के रूप में दिल्ली स्थित तत्कालीन वॉयसराय द्वारा व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से सिंगापुर भेजा गया था।
-आरके.