विश्व जल संरक्षण दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें इतिहास, महत्व और 2025 की थीम
जैसा की हम सभी जानते हैं जल बिना जीवन अधूरा है, अत: जल का सदुपयोग करना बहुत जरूरी है। साथ ही हमें जल के दुरुपयोग पर रोक लगाकर पानी के बचाव पर विशेष ध्यान देना चाहिए, वर्ना वो दिन दूर नहीं जब धरतीवासी बिना जल के तड़प-तड़पकर मर जाएंगे। आइए जानते हैं अंतराष्ट्रीय जल संरक्षण दिवस का इतिहास, महत्व और 2025 की थीम के बारे में...
विश्व जल संरक्षण दिवस का इतिहास: विश्व जल संरक्षण दिवस के इतिहास के बारे में बात करें तो इस दिन को मनाने की सिफारिश वर्ष 1992 में पहली बार ब्राजील के रियो डी जनेरियो में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में की गई थी तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने 1993 में 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में नामित किया। तभी से, यह दिन हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है।
विश्व जल संरक्षण दिवस का महत्व: यह दिन हमें जल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है। तथा लोगों को जल संरक्षण के लिए कार्रवाई करने के लिए भी प्रेरित करता है। यह सरकारों और संगठनों को जल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए नीतियां और कार्यक्रम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
विश्व जल दिवस का उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है।
विश्व जल संरक्षण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम/ गतिविधियां:
* जल संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए शैक्षिक कार्यक्रम और अभियान आयोजित करना।
* समुदायों को जल संसाधनों के प्रबंधन में शामिल करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना।
* जल संरक्षण के लिए नवीन तकनीकों और प्रथाओं को बढ़ावा देना।
* जल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करना आदि है।
विश्व जल संरक्षण दिवस थीम 2025: प्रत्येक वर्ष विश्व जल संरक्षण दिवस के अवसर पर एक विशिष्ट विषय पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसी के तहत वर्ष 2025 में विश्व जल संरक्षण दिवस की थीम 'ग्लेशियर संरक्षण' (Glacier Preservation) तय की गई है।
पृथ्वी पर जीवन के लिए ग्लेशियर का होना अतिआवश्यक है, क्योंकि वे ग्रह को ठंडा रखते हैं तथा मीठे पानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा संग्रहीत करते हैं। अत: इस थीम का जिसका उद्देश्य ग्लेशियरों के संरक्षण पर ध्यान देना और उनके सतत प्रबंधन पर कार्य करना है।
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