World Post Day date: विश्व डाक दिवस हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन 1874 में स्विट्जरलैंड के बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना की वर्षगांठ का प्रतीक है। डाक सेवाएं न केवल पत्रों और पार्सल को वितरित करती हैं, बल्कि ये दुनिया भर के लोगों और व्यवसायों को जोड़कर सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस दिवस का उद्देश्य आम जनता और मीडिया के बीच डाक क्षेत्र की भूमिका और गतिविधियों के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना है। आपको बता दें कि आज जहां विश्व डाक दिवस मनाया जा रहा हैं, वहीं भारत में, 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह भी मनाया जाता है।
हालांकि भारत में डाक सेवा के इतिहास को अलग-अलग चरणों में देखा जाता है, क्योंकि इसकी शुरुआत एक व्यक्ति नहीं, बल्कि कई चरणों में हुई थी। अब आधुनिक भारतीय डाक सेवा की नींव डालने का श्रेय मुख्य रूप से लॉर्ड डलहौज़ी को जाता है, जबकि सार्वजनिक डाक सेवा की शुरुआत वॉरेन हेस्टिंग्स ने की थी।
1. यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना: विश्व डाक दिवस मनाने का मुख्य कारण 9 अक्टूबर 1874 को स्विट्जरलैंड के बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union - UPU) की स्थापना की वर्षगांठ मनाना है।
2. क्रांतिकारी कदम: यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना से पहले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पत्र भेजना जटिल, धीमा और महंगा था। UPU ने एक समान और एकीकृत वैश्विक डाक प्रणाली की शुरुआत करके अंतरराष्ट्रीय संचार क्रांति ला दी। यह एक वैश्विक संधि थी, जिस पर इस संगठन की स्थापना के लिए 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इस दिन को औपचारिक रूप से विश्व डाक दिवस के रूप में 1969 में टोक्यो में आयोजित UPU कांग्रेस में घोषित किया गया था।
3. डाक सेवाओं के महत्व के प्रति जागरूकता: विश्व डाक दिवस का दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है।
4. रोजमर्रा के जीवन में भूमिका: डाक सेवाएं आज भी लोगों और व्यवसायों के रोजमर्रा के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। यह दिन लोगों को याद दिलाता है कि कैसे डाक विभाग एक दूरदराज के गाँव से लेकर शहरी केंद्र तक सभी को जोड़ता है।
5. सामाजिक और आर्थिक विकास: डाक सेवाएं न केवल पत्र और पार्सल पहुंचाती हैं, बल्कि वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion), ई-कॉमर्स (E-commerce) लॉजिस्टिक्स, और आपदा राहत जैसे कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर वैश्विक, सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देती हैं।
6. डाककर्मियों का सम्मान: यह दिन उन लाखों डाककर्मियों के अमूल्य योगदान को भी सम्मानित करता है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी लोगों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए अथक प्रयास करते हैं।
कम शब्दों में कहा जाए तो, विश्व डाक दिवस संचार, सहयोग और वैश्विक संपर्क के एक मूलभूत माध्यम के रूप में डाक सेवाओं के ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता का उत्सव है।
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