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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 1 नवंबर 2024 (07:00 IST)

संस्कृति से समृद्धि तक का सफर : जानिए एमपी और छत्तीसगढ़ के स्‍थापना दिवस की पूरी कहानी

क्‍या है मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस का इतिहास और महत्व

MP-Chhattisgarh Sthapana Diwas
MP-Chhattisgarh Sthapana Diwas
MP-Chhattisgarh Sthapana Diwas : 1 नवंबर का दिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए विशेष महत्त्व रखता है, क्योंकि इसी दिन दोनों राज्यों का स्थापना दिवस मनाया जाता है। एक ओर जहां मध्य प्रदेश भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है, वहीं छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध एक तेजी से प्रगतिशील राज्य है। इस दिन का उद्देश्य अपने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संजोना, विकास की नई ऊंचाइयों को छूना और राज्य की अस्मिता पर गर्व करना है। बता दें कि छत्तीसगढ़, मध्‍यप्रदेश से टूटकर अलग होकर एक नया राज्‍य बना था।  
 
मध्य प्रदेश स्थापना दिवस (1 नवंबर, 1956)
इतिहास और गठन
1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश का गठन हुआ था। इसका निर्माण राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत किया गया, जिससे विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक आधार पर राज्यों का पुनर्गठन हुआ। इस दिन मध्य प्रदेश के साथ ही अन्य राज्य भी अस्तित्व में आए, और तत्कालीन विंध्य प्रदेश, भोपाल, मध्य भारत, और महाकौशल के क्षेत्र एकीकृत होकर मध्य प्रदेश के रूप में संगठित हुए। 
 
मध्य प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन
मध्य प्रदेश अपनी वैभवशाली और गौरवशाली संस्कृति, स्थापत्य कला और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यह खजुराहो, सांची, भीमबेटका, ग्वालियर का किला और उज्जैन जैसे ऐतिहासिक स्थलों का घर है। यहां की लोक कला, जैसे बाघ प्रिंट और गोंड पेंटिंग, देशभर में प्रचलित हैं। साथ ही एमपी के वन्य जीव अभयारण्य, जैसे कान्हा और बांधवगढ़, प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
 
विकास की दिशा में कदम
मध्य प्रदेश ने अपने स्थापना के बाद से शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास में बड़े कदम उठाए हैं। राज्य कृषि और औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी राज्य प्रतिबद्ध है। कई नवाचारों और योजनाओं ने इसे भारत के सबसे तेजी से विकसित होने वाले राज्यों में शामिल किया है। 
 
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस (1 नवंबर, 2000)
छत्तीसगढ़ का निर्माण और विशेषता
1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से विभाजित होकर छत्तीसगढ़ एक नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। छत्तीसगढ़ की अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान, भाषा (छत्तीसगढ़ी) और परंपराएं हैं। यह राज्य प्राकृतिक संसाधनों जैसे कोयला, लौह अयस्क और अन्य खनिजों से भरपूर है। इसके गठन का उद्देश्य यहां के लोगों को बेहतर संसाधन, अवसर और विकास के मार्ग प्रदान करना था।
 
छत्तीसगढ़ की संस्कृति और त्यौहार
छत्तीसगढ़ की संस्कृति, यहां की लोक कला, नृत्य और संगीत में झलकती है। पांडवानी, सुआ नृत्य और गोंड समाज के नृत्य यहां की विशेषता हैं। दीपावली के बाद मनाए जाने वाले पोला, हरेली, और लोक पर्व जैसे तीज और गंगा दशहरा यहां के विशेष त्यौहार हैं, जो समाज की सादगी और प्रेम को दर्शाते हैं।
 
विकास और प्रगति के प्रयास
छत्तीसगढ़ शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। "स्मार्ट सिटी" परियोजना और स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रमों ने इसे एक प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित किया है। छत्तीसगढ़ अपने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार प्रयास कर रहा है।
 
स्थापना दिवस का महत्त्व और उत्सव
हर साल 1 नवंबर को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है। इस दिन विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड, और झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं, जिनके माध्यम से राज्य की परंपराओं, सांस्कृतिक धरोहरों और आधुनिक उपलब्धियों का प्रदर्शन किया जाता है।
 
मध्य प्रदेश में स्थापना दिवस के मौके पर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में रायपुर और बिलासपुर जैसे शहरों में विशेष महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर कलाकार अपने राज्य की समृद्ध कला, संस्कृति और परंपराओं का उत्सव मानते हैं, जिससे युवाओं में राज्य के प्रति गर्व और जुड़ाव की भावना पैदा होती है। 


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