तमिलनाडु में होली पर क्यों मनाया जाता है काम-दहनम त्योहार, क्या भगवान शिव और कामदेव से जुड़ा है इतिहास
holi in south india: होली का त्यौहार आने वाला है। भारत में होली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। होली की कहानी भक्त प्रहलाद और होलिका से जुड़ी है। अलग-अलग जगह पर होली से जुड़ी हुई विभिन्न मान्यताएं और परंपराएं हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं तमिलनाडु सहित पूरे दक्षिण भारत में इस त्यौहार का संबंध कामदेव और भगवान शिव से है। जी हां, यहां होली का त्योहार काम दहनल के पर्व के रूप में मनाया जाता है। यहां होली के दिन कामदेव की पूजा की जाती है। यह पूजा दुनिया के लिए दिए गए उनके बलिदान की याद में की जाती है। यही वजह है कि यहां होली के त्योहार को काम दहनम के नाम से जाना जाता है।
तमिलनाडु में सदियों से काम दहनल मनाया जा रहा है। इस उत्सव को मनाने की यहां के लोगों की मान्यताएं और रीति-रिवाज भारत के अन्य हिस्सों की तुलना में अलग है। काम दहनल का त्योहार तमिलनाडु के साथ ही आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
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रति और कामदेव की होती है पूजा
काम दहनल के समय कर्नाटक में रति और उनके पति कामदेव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। तमिलनाडु के लोग इस त्योहार को मनाने के लिए कामदेव के प्रतीक के रूप में सूखे गोबर के गोले, लकड़ियां और घास को जलाते हैं। इस गोबर के गोले को जलाने के बाद बनी राख को यहां बेहद पवित्र माना जाता है। इसी राख को लोग एक-दूसरे को लगाते हैं।
शिव और कामदेव की पौराणिक कहानी
काम दहनम को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार, भगवान शिव अपनी जब अपनी पत्नी देवी सती की मृत्यु के बाद गहरे ध्यान में चले जाते हैं और बहुत लंबे समय तक ध्यान में डूबे रहते हैं। जब माता पार्वती शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या कर रही थीं तो सभी देवता चिंतित हो जाते हैं। तब देवताओं के कहने पर भगवान शिव के ध्यान को भंग करने के लिए प्रेम के देवता कामदेव उन पर अपना पुष्प बाण चलाते हैं।
बाण लगने से शिव का ध्यान भंग हो जाता है और इससे क्रोधित होकर वे अपनी तीसरी आंख खोलकर कामदेव को जलाकर भस्म कर देते हैं। इसके बाद सभी के मनाने के बाद में भगवान शिव, पार्वती जी से विवाह करने के लिए मान जाते हैं । इसके बाद कामदेव की पत्नी रति के निवेदन पर भगवान शिव कामदेव को पुनर्जीवित कर देते हैं। इसी कथा के आधार पर तमिलनाडु में काम दहनम मनाया जाता है।
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