गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. होली
  4. Holi puja material
Written By

होली पर खरीदते हैं 20 ऐसी वस्तुएं, जो चमका देगी आपकी जिंदगी

होली पर खरीदते हैं 20 ऐसी वस्तुएं, जो चमका देगी आपकी जिंदगी - Holi puja material
होली के त्योहार के दिन कुछ खास चीजें खरीदने से घर में सुख-शांति, धन-समृद्धि बनी रहती है और भाग्य का सहयोग मिलने लगता है। तो आइए हम यहां जानते हैं कुछ खास ऐसी ही 20 प्रमुख सामग्रियों के बारे में।
 
1. एकाक्षी नारियल की पूजा करने के बाद उसे तिजोरी में रखने से अन्न व धन की कभी कमी नहीं आती। दूसरा यह कि एक पानीदार नारियल लेकर किसी रोगी या पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से 7 या 21 बार घड़ी की सुई की दिशा में उतारें या वारें और उसे होलिका की आग में डाल दें। इससे संकट चला जाएगा। नारिलय डालने के बाद होलिका की 7 परिक्रमा करें और ईष्टदेव से प्रार्थना करें। यदि राहु के कारण किसी भी प्रकार का संकट खड़ा हो रहा है तो एक नारियल का गोला लेकर उसमें अलसी का तेल भरें। उसी में थोड़ासा गुड़ डालें और इस गोले को जलती हुई होलिका में डाल दें। इससे राहु का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाएगा। होलिका दहन के बाद जलती अग्नि में नारियल दहन करने से नौकरी की बाधाएं दूर होती हैं।
 
2.  होलिका दहन के लिए जब होली के दो डांडे को सजाया जाता है तब उसे चुनर भी ओढ़ाई जाती है। दो डांडा में से एक डांडा होलिका का प्रतीक है तो दूसरा प्रहलाद का।
 
3. माता लक्ष्मी को बताशे प्रिय है। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपको समृद्धि का आशीष देती हैं। इससे आपको हर कार्य में अपार सफलता भी मिलेगी। इसे होलिका दहन के दिन खील बताशे आग में डालने से जीवन की हर बाधा स्वाहा हो जाती है।
 
4. होलिका दहन के लिए गोबर के कंडे के लगते हैं जो होली के डांडा के आसपास जमाएं जाते हैं। इसी के साथ सात कंडों के बीच में छेद करके उसमें सूत या मूंज का धागा पिरोकर उसे होली में सजाया जाता है जिसे भरभोलिया कहते हैं। होलिका दहन के पहले इसे भाइयों के उपर से वार कर होली की अग्नि में जराने से भाई के उपर आया संकट हटा जाता है। गांवों कंडे भी जमा करके रखे जाते हैं।
 
5. होली के दौरान गेंहूं की फसल पक जाती है। यही कारण है कि गांवों में होली के अवसर पर फसल और पशु पूजा होती है। होलिका पूजन के लिए गेहूं की बाली की आवश्यकता होती है, जिसे होला भी कहते हैं। नए अनाज को होली की अग्नि में अर्पित करने की परंपरा है। नई फसल को सबसे पहले अग्नि के माध्यम से देवताओं को अर्पित करते हैं।
 
6. यदि आपके व्यवसाय में वृद्धि हेतु होली के दिन पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 पीली कौड़ियां बांधकर 108 बार ॐ नमो भगवते वासुदेव नमः का जाप कर होली की 11 परिक्रमा करें और फिर पीछे मुड़कर न देखते हुए सीधे घर में प्रवेश करें और सभी सामग्री को तिजोरी में एक साथ रख दें। गोमती चक्र, कौ‍ड़ियां और बताशे जलती होली में स्वयं पर से उतारकर डालने से भी जीवन की हर बाधा स्वाहा हो जाती है।
 
7. 11 गोमती चक्र पीले कपड़े में लपेटकर कैश बॉक्स में रखें, धन टिकने लगेगा। पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 पीली कौड़ियां बांधकर होली की 11 परिक्रमा करें और पीछे मुड़कर न देखते हुए सीधे घर में प्रवेश करें और धन रखने के स्थान पर यह समस्त सामग्री एक साथ रख दें। इस प्रयोग से व्यवसाय में प्रगति आती है। घर में शांति और समृद्धि आती है।
 
8. होली पर रंगों का बहुत महत्व होता है। रंग खरीदना चाहिए रंगों वाली होली खेलने के लिए और रंगोली बनाने के लिए। उत्सव-पर्व तथा अनेकानेक मांगलिक अवसरों पर रंगोली से घर-आंगन को खूबसूरती के साथ अलंकृत किया जाता है। इससे घर-परिवार में मंगल रहता है।
 
9. मौली को कलाई में बांधने के कारण इसे कलावा भी कहते हैं। इसका वैदिक नाम उप मणिबंध भी है। पूजा के दौरान इसे देवी और देवताओं के बांधके के बाद कलाई पर बांधा जाता है।
 
10. होलिका या होली के डांडे पर सूत का धागा लपेटकर उसकी पूजा की जाती है। यह धागा उसी तरह लपेटा जाता है जिस तरह की सीतलाष्टमी के दिन बरगद के पेड़ की परिक्रमा करते हुए लपेटा जाता है।
 
11. पूजा की सुपारी पर जनेऊ चढ़ाकर जब पूजा जाता है तो यह अखंडित सुपारी गौरी गणेश का रूप बन जाती है। परंतु जब इसी सुपारी को लक्ष्मी पूजा में रखकर इसकी पूजा करने के बाद इसे तिजोरी में रखने पर घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करने लगती हैं और इससे सौभाग्य आने लगता है।
 
12. जिस तरह माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र से हुई उसी तरह मखाने की उत्पत्ति भी जल से हुई है। मखाना कमल के पौधे से मिलता है।
 
13. कपास का पूजा और आरती में बहुत ज्यादा महत्व रहता है। रुई या कपास शुद्ध होता है। इसी से दीपक प्रज्वलित किया जाता है।
 
14. शंख समुद्र मथंन के समय प्राप्त चौदह अनमोल रत्नों में से एक है। लक्ष्मी के साथ उत्पन्न होने के कारण इसे लक्ष्मी भ्राता भी कहा जाता है। यही कारण है कि जिस घर में शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास होता है। होली के दिन मोती शंख खरीदकर घर में रखना चाहिए। इससे धन समृद्धि बढ़ती है।
 
15. कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि हमें शायद पितृदोष है या काल सर्पदोष है। दरअसल, यह राहु और केतु का प्रभाव मात्र है। इसे होली की आग में डालने का भी रिवाज है। होली की पूजा में इसका प्रयोग होता है। होली वाले दिन इसके खरीदकर घर में लाएं।
 
16. होली के दौरान ही गेहूं के साथ ही गन्ने की फसल भी खड़ी हो जाती है। होलिका दहन के दौरान गन्ने को भी होली की आग्नि में अर्पित किया जाता है। माता होलिका और माता लक्ष्मी की पूजा में गन्ना जरूरी है। 
 
18. होली के दिन सफेद आंक की जड़ को शुभ समय पर घर लाकर, किसी विद्वान से पूजन करवाएं। फिर उसे तिजोरी में स्थापित करें।
 
19. होलिका दहन के पूर्व पूजन करते समय शुभ सिद्ध मुहूर्त में काली हल्दी को शुद्ध करके, उस पर घी मिश्रित सिंदूर लगाएं। चांदी की प्लेट में रखें। गुगल की धूप दिखाएं। घी का दीपक जलाएं। मिष्ठान का भोग लगाएं। इसके पश्चात लाल रेशमी वस्त्र में चांदी के सिक्कों के साथ बांध दें। फिर तिजोरी या जहां पैसे रखते हों, उस स्थान पर रख दें। यह प्रयोग धन की वृद्धि करता है।
 
20. कहते हैं कि इस दिन मिट्टी की सुराही खरीदकर उसमें पानी भरकर उसे ईशान कोण में स्थापित करने से धन समृद्धि के योग बनते हैं। होली के दिन से गर्मी भी प्रारंभ हो जाती है। सुराही का उपयोग धुलेंडी के दिन होली की अग्नि को ठंडी कर उसकी पूजा करने में भी होता है।

ये भी पढ़ें
6 मार्च 2023, सोमवार के शुभ मुहूर्त