शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
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होली गीत : पढ़ें रंग-रंगीली होली के 2 गीत

होली गीत :  पढ़ें रंग-रंगीली होली के 2 गीत | Holi geet in hindi
1. होली रंग बरसाना
- कैलाश यादव 'सनातन'


 
मीरा के मनभावन माधव, रूक्मा राज किए संग कान्हा,
होली रंग रंगा बरसाना, पग-पग राधा पग-पग कान्हा।
नीला,पीला, हरा, गुलाबी, सतरंगी अंबर होली का,
आओ मिलकर खुशियां बांटें, कष्टों की जल जाए होलिका।
 
जिनकी सजनी छूट गई है, हर होली उनकी बदरंगी,
जिनकी सजनी रूठ गई है, होली उन बिछुड़ों की संगी।
पग-पग नफरत, पग-पग विषधर,
आस्तीन नहीं है जिनकी, उनको भी डस लेते विषधर,
आओ मिलकर प्रेमरंग से, सबके मन का जहर बुझाए
अमृत भर दें नख से शिख तक, हर चेहरे पर रंगत लाएं,
कष्ट मिटाएं मानवता का, आओ गीत फाग के गाएं
मिलजुल कर हर चौराहे, रंगों का यह पर्व मनाएं॥
 
कहीं पे राधा,कहीं पे मीरा, कहीं पे रूक्मा मिलती है,
होली की है छटा निराली, हमको हर घर मिले हैं कान्हा,
मीरा के मनभावन माधव, रूक्मा राज किए संग कान्हा,
होली रंग रंगा बरसाना, पग-पग राधा पग-पग कान्हा।
 
***** 
 

2. मुबारक सबको होली
 

 
धनवानों की भरी है झोली, नित्य मनाते हैं दीवाली,
जिनके दिल में प्रेमभरा है,जेब रही है सदा से खाली,
हमने देखा वे मतवाले, हर फागुन में खेले होली॥
 
श्वेत-श्याम का मिटा दे अंतर,
गली-गली कान्हा मिल जाते
राधा दिखती सबके अंदर
जाति धर्म का भेद मिटा दे,हर चेहरा बनता रंगोली,
हमने देखा वे मतवाले, हर फागुन में खेले होली,
अंतर मन से करूं प्रार्थना, रहे मुबारक सबको होली।
अनेकता में एकता, हिंद की विशेषता,
इंद्रधनुष के रंग हैं कण-कण, रचियता खुद बिखेरता,
कायनात के मौसम सारे, कायनात की सारी ऋतुएं
यदि देखना हो तो आओ, हिंद ही सहेजता,
अनेकता में एकता, हिंद की विशेषता,
जिसने की है जग की रचना, सारे रंग भरे यहीं पर,
लगता है जग रचते-रचते, यहीं पे खेली उसने होली
अंतरमन से करूं प्रार्थना, रहे मुबारक सबको होली।
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