होलाष्टक के दिनों में करना चाहिए ये 3 कार्य, हर समस्या का होगा हल
Holashtak 2025: 07 मार्च से होलाष्टक प्रारंभ हो रहा है, जो 14 मार्च के दिन समाप्त होगा। होलाष्टक के इन आठ दिनों में सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य बंद रहते हैं, क्योंकि ये दिन अशुभ माने गए हैं। इस आठ दिनों में भक्त प्रहलाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने प्रताड़ित किया था। आओ जानते हैं कि तब फिर इन दिनों में कौनसे 3 कार्य करना चाहिए।
ALSO READ: इस बार होलाष्टक कब से कब तक रहेगा, क्या करें और क्या नहीं?
होलाष्टक के दिन क्या करना चाहिए:-
1. पूजा:-
-
होलाष्टक में पूजा-पाठ करने और भगवान का स्मरण भजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
-
होलाष्टक के दौरान भगवान नृसिंह और हनुमानजी की पूजा करना चाहिए।
-
होलाष्टक के दौरान श्रीकृष्ण की की पूजा के साथ ही इस दौरान लड्डू गोपाल का पूजन करना चाहिए।
2. पाठ और मंत्र जप:-
-
होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करना चाहिए जिससे आर्थिक संकट समाप्त होकर कर्ज मुक्ति मिलती है।
-
लड्डू गोपाल का पूजन कर संतान गोपाल मंत्र का जाप या गोपाल सहस्त्र नाम पाठ करवा कर अंत में शुद्ध घी व मिश्री से हवन करेंगे तो शीघ्र संतान प्राप्ति होती है।
-
रोग से बचने के लिए शिव पूवा और महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान प्रारम्भ करवाएं, बाद में हवन करें।
-
विजय प्राप्ति हेतु आदित्यहृदय स्त्रोत, सुंदरकांड का पाठ या बगलामुखी मंत्र का जाप करें।
-
परिवार की समृद्धि, सुख शांति हेतु रामरक्षास्तोत्र, हनुमान चालीसा व विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
-
कन्या के विवाह हेतु-कात्यायनी मंत्रों का इन दिनों जाप करें।
-
बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है तो गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें। फिर मोदक व दूर्वा से हवन करें।ALSO READ: Holashtak 2025: होलाष्टक में रखें ये 8 सावधानियां
3. अनुष्ठान और उपाय:-
-
मान्यता है कि होलाष्टक में कुछ विशेष उपाय करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
-
होलाष्टक के दौरान किए गए व्रत और दिए गए दान से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
-
अपार धन-संपदा के लिए गुड़, कनेर के पुष्प, हल्दी की गांठ व पीली सरसों से हवन करें।
-
करियर में चमकदार सफलता के लिए जौ, तिल व शकर से हवन करें।
-
सौभाग्य की प्राप्ति के लिए चावल, घी, केसर से हवन करें।
-
नवग्रह की कृपा प्राप्ति हेतु भगवान शिव का पंचामृत अभिषेक करें।ALSO READ: 07 मार्च से होलाष्टक, 14 मार्च से मलमास, जानें शुभ कार्य क्यों रहेंगे वर्जित