nepal protests gen z: जिस नेपाल में Gen Z ने गिरा दी सरकार, वो देश कैसे बचा रहा मुगलों से
why mughals did not invade nepal : भारत का इतिहास मुगल साम्राज्य के उत्थान और पतन से भरा है। 16वीं से 18वीं शताब्दी तक, बाबर से लेकर औरंगजेब तक, मुगलों ने लगभग पूरे उत्तर भारत, दक्कन और यहां तक कि अफगान सीमाओं तक अपना वर्चस्व स्थापित किया। उनकी विशाल सेना और तोपखाने के सामने कई शक्तिशाली साम्राज्य भी घुटने टेक चुके थे, लेकिन एक छोटा सा पड़ोसी देश, नेपाल, हमेशा उनकी पहुंच से बाहर रहा। यह सवाल आज भी कई इतिहासकारों को उत्सुक करता है कि आखिर मुगलों ने भारत जैसे विशाल देश पर शासन करने के बावजूद नेपाल को क्यों नहीं जीत पाए?
हिमालय की अभेद्य दीवार
मुगल सेना की सबसे बड़ी ताकत उसकी विशाल घुड़सवार सेना और शक्तिशाली तोपखाने थे। ये दोनों ही मैदानी इलाकों में युद्ध के लिए अत्यंत प्रभावी थे। हालांकि, नेपाल का भूगोल उनके लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ। हिमालय की ऊंची, संकरी घाटियां और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्ते मुगल सेना के लिए एक अभेद्य दीवार की तरह थे। उनकी भारी तोपें और बड़ी संख्या में सैनिक इन दुर्गम रास्तों में बेअसर हो जाते थे। मुगलों के सैनिकों के पास इस प्रकार के पहाड़ी युद्ध का कौशल नहीं था, जो नेपाली योद्धाओं के पास स्वाभाविक रूप से मौजूद था। यह भौगोलिक बाधा मुगलों के लिए सैन्य रूप से नेपाल पर हमला करना लगभग असंभव बना देती थी।
मुगलों की आर्थिक प्राथमिकताएं
मुगल साम्राज्य की विस्तारवादी नीति मुख्य रूप से उन क्षेत्रों पर केंद्रित थी, जो आर्थिक रूप से उपजाऊ और समृद्ध थे। गंगा-यमुना का दोआब, पंजाब और दक्कन के मैदानों जैसे उपजाऊ इलाकों से उन्हें भरपूर धन और कर मिलता था, जो उनके साम्राज्य को चलाने के लिए आवश्यक था। इसके विपरीत, नेपाल एक पहाड़ी देश था जहां कृषि योग्य भूमि सीमित थी और आर्थिक लाभ भी कम थे। मुगलों ने शायद नेपाल पर कब्जा करने में लगने वाले विशाल सैन्य और आर्थिक संसाधनों को इसके संभावित लाभ की तुलना में कहीं अधिक समझा।
नेपाली राजाओं की कुशल रणनीति
नेपाल के राजा मुगलों की शक्ति से भली-भांति परिचित थे। उन्होंने सीधे टकराव के बजाय कूटनीति और अपनी स्थानीय भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाने की रणनीति अपनाई। मुगलों का ध्यान नेपाल से होने वाले व्यापार मार्ग, विशेषकर तिब्बत तक जाने वाले व्यापार पर रहता था। नेपाली शासकों ने इस व्यापार को बनाए रखते हुए अपने किलों और पहाड़ी रास्तों पर नियंत्रण बनाए रखा। उनकी कुशल नीति ने उन्हें बाहरी अधीनता से बचाए रखा, जबकि वे मुगलों के साथ सीमित व्यापारिक संबंध बनाए रखते थे।
इन सभी कारकों को देखते हुए, यह स्पष्ट हो जाता है कि नेपाल पर मुगलों की विजय न होने का कारण केवल एक नहीं, बल्कि कई थे। भौगोलिक बाधाएं, मुगलों की आर्थिक प्राथमिकताएं और नेपाली शासकों की कुशल कूटनीति का मिश्रण ही वह कारण था, जिसने नेपाल को मुगल साम्राज्य के अधीन होने से बचाया। यह नेपाल के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है जो दर्शाता है कि एक छोटा राष्ट्र भी अपनी भौगोलिक स्थिति और बुद्धिमान नेतृत्व से बड़े से बड़े साम्राज्य का मुकाबला कर सकता है।