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Last Modified: शनिवार, 6 मई 2023 (11:39 IST)

6 मई : आज से ज्येष्ठ मास आरंभ, क्या है इस माह का महत्व?

6 मई : आज से ज्येष्ठ मास आरंभ, क्या है इस माह का महत्व? - Jyeshtha maas ka mahatva in hindi
Jyeshta month 2023: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह अंतिम माह होता है इसके बाद चैत्र माह वैशाख और फिर ज्येष्ठ। इस बार ज्येष्ठ का प्रारंभ अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 6 मई 2023 से होकर 4 जून तक रहेगा। इस माह में गर्मी अपने चरम पर होती है। इसी माह में नौतपा प्रारंभ होता है। ज्येष्ठ माह में इसीलिए जल का महत्व बढ़ जाता है। आओ जानते हैं इस माह का महत्व।
 
ज्येष्‍ठ माह का महत्व :-
  1. ज्येष्ठ मास में सूर्य की तपन चरम पर रहती है। सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस महीने को ज्येष्ठ कहते हैं।
  2. इस माह में दिन सर्वाधिक बड़े और रात छोटी होती हैं।
  3. इस माह में नौतपा भी लगता है। 
  4. शास्त्रों में इसी माह में जल के संरक्षण का महत्व बताया गया है। 
  5. ज्येष्ठ मास में जल के दान को बहुत बड़ा पुण्य माना गया है। 
  6. ज्येष्ठ के महीने में भगवान श्रीराम से हनुमान की मुलाकात हुई थी, जिसके चलते ये इस माह के मंगलवार पर हनुमान पूजा का खासा महत्व रहता है।
  7. ज्येष्ठ माह में सूर्य की किरणें धरती पर सीधी पड़ती है जिसके चलते प्रचंड गर्मी होती है। प्रचंड गर्मी के चलते शरीर और धरती पर स्थित जल का वाष्पीकरण बढ़ जाता है। ऐसे में उचित मात्रा में पानी पीते रहना जरूरी है।
  8. शास्त्रों में इसी माह में जल के संरक्षण का महत्व बताया गया है। ज्येष्ठ मास में जल के दान को बहुत बड़ा पुण्य माना गया है। 
  9. इस माह का स्वामी मंगल है। इसीलिए इस माह में मंगल का दान करना चाहिए और मंगलवार का व्रत रखना चाहिए। 
  10. इस माह में हनुमानजी की पूजा का खासा महत्व रहता है। इस माह वरुण और सूर्य देव की पूजा करने का भी महत्व है। वरुण जल के तो सूर्यदेव अग्नि के देवता है।
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