गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. कथा-सागर
  4. Short Story

लघुकथा : हिसाब

लघुकथा : हिसाब - Short Story
मिस शालू के ऑफिस में आते ही सबकी निगाहें उन पर टिक गई। इठलाती, झूमती, कुछ बहकी सी, आंखों में अजीब-सा लालपन लिए सभी सहकर्मियों से हंसी-मजाक करने लगी। रिसेप्शन पर बैठे अखिल से तो कहा सुनी हो गई। 
 
सक्सेना जी और शर्मा जी के तजुर्बे ने पहचान लिया कि मिस शालू आज ड्रिंक करके ऑफिस आई है। तकरीबन दो-तीन घंटे यह सब चलता रहा। पर किसी ने भी कुछ नहीं कहा। केबिन में बैठा नितिन यह सब देख रहा था। शालू के सहकर्मी उसकी इस हरकत से बहुत नाराज थे, पर सब तमाशा बिन बने हुए थे। 
 
सभी को लग रहा था कि कहीं विरोध किया तो अपनी नौकरी नहीं चली जाए। शालू नितिन की कुछ खास थी। सक्सेना जी और शर्मा जी ने भांप लिया था कि मोहन की तरह इसकी भी छुट्टी होने वाली है। पिछले महीने चाय पिलाने वाला मोहन ड्रिंक करके आया था। साहब ने सेलेरी तो काटी ही नौकरी से भी निकाल दिया। पर यह क्या दूसरे दिन मिस शालू ऑफिस में अपनी सीट पर बैठी दिखी।
 
 
सबने चुप्पी साध ली, जैसे कल कुछ हुआ ही नहीं। साहब के इस निर्णय पर ऑफिस स्टाफ के मन में कई प्रश्न उठ रहे थे। थोड़ी देर में शालू को‌ साहब ने केबिन में बुलाया और लेटर थमाते हुए अकाउंट सेक्शन से हिसाब करने के लिए बोल दिया।