शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Poem on Ram Sita

हिन्दी कविता : सिया जू की प्यारी मिथिला नगरिया

हिन्दी कविता : सिया जू की प्यारी मिथिला नगरिया - Poem on Ram Sita
सिया जू की प्यारी मिथिला नगरिया 
देखो बरात ले के आए हैं 
लक्ष्मण राम संवरिया
बरात को देखकर सखिया मुस्काई
कनवा में धीरे-धीरे फुसफुसाई
एक सखी बोली कि
नीखे-नीखे राम हैं
लक्ष्मण है प्यारे-प्यारे
बड़का कमाल है
कांधे पे धनुष बाएं
ऊंच-ऊंच भाल है
सिरवा पे मुकूट सोहे
सिंहा जैसी चाल है
दुल्हा के देख के 
जनकपुर निहाल है
देखो न मोरी सखी
सियाजू के कैसन सुंदर भाग्य है
युवराजन के देख कर
राजा जनक निहाल हैं
जनकपुर में शहनाई बाजे
मंगल गीतन की बरसात है
दुल्हा के देखकर 
जनकपुर निहाल है।
 
ये भी पढ़ें
जानिए शिवाजी महाराज के सेनापति के बारे में जो अकेले ही हाथी से लड़ लिए थे