गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Poem

हिन्दी कविता : चांद की आंखों में

हिन्दी कविता : चांद की आंखों में - Poem
चांद की आंखों में भरा हुआ है 
चांद का सारा पानी
 
पृथ्वी का एक अकेला चांद
देखता है 
पूरी पृथ्वी का पानी सूख गया है
और इकठ्ठा हो गया है
यहां के लोगों की आंखों में 
पूरे ब्रह्मांड का महासागर भी
कम पड़ गया है
 
पृथ्वी की नदियों
और समंदरों 
को भरने के लिए...
 
अब पृथ्वी के लोगों का दिल
सूख गया है, बंजर हो गया है...
ये भी पढ़ें
लौकी के यह 8 फायदे हैं कमाल के