आज पुश्किन का जन्मदिन: पढ़ें उनकी प्रेम कविता
दूसरा कोई प्यार तुम्हें यों कर पाएमैंने प्यार किया है तुमको
और बहुत संभव है अब भी
मेरे दिल में
इसी प्यार की
सुलग रही हो चिंगारी
किंतु प्यार मेरा तुमको
और न अब बेचैन करेगा
नहीं चाहता इस कारण ही
अब तुम पर गुजरे भारी
मैंने प्यार किया है तुमको
मुक-मौन रह आस बिना
हिचक-झिझक तो कभी जलन भी
मेरे मन को दहकाए
जैसे प्यार किया है मैंने
सच्चे मन से डूब तुम्हें
हे भगवान, दूसरा कोई
प्यार तुम्हें यों कर पाए।
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मैंने तुम्हें प्यार किया
जिसे अस्वीकार करूं तो मर जाऊं,
कौन जाने अब भी मेरे सीने में सुलग रहा हो...
दु:खी मत होओ, मेरे चुनाव पर यकीन रखो,
मैंने कभी तकलीफ न दी, और न ही दु:ख पहुंचाया
मैंने तुम्हें सच्चाई से चुपचाप,
निस्वार्थ भाव से प्रेम किया,
मेरे दिल में अब भी उसी प्रेम की
उत्सुक आग सुलग रही है
मेरा प्यार बेकाबू ईर्ष्यालु जुनून था
खुदा करे
बहिश्त से तुम्हें बिलकुल ऐसा ही एक और प्यार मिले।