बुधवार, 9 अप्रैल 2025
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खुशियाँ फिर लौटेंगी एक दिन : lock down पर यह कविता दिल जीत लेगी आपका

lockdown पर यह कविता
ज़िन्दगी में खुशियाँ फिर लौटेंगी एक दिन
मिल बैठेंगे हम सब यार एक दिन
अदरक वाली चाय और चटपटे समोसों से
फिर गुलज़ार होगी सुनी मेज़ एक दिन
हँसी ठहाके वो बेपरवाह मस्ती से
फिर जमेगी यारों की महफ़िल एक दिन
गुज़र ही जायेंगे ये पल रुसवाई के
फिर खिलखिलायेंगी बहारें एक दिन
तुम मुस्कुराकर इंतज़ार करो शिद्दत से
फिर जवां होंगी मुलाकातें एक दिन
 
स्वस्थ रहिए  , मुस्कुराते रहिए 
मिलना है हमें इसलिए घर में रहिए...