सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Importance Of Life Poem

हिन्दी कविता : आत्मविजेता

हिन्दी कविता : आत्मविजेता - Importance Of Life Poem
अपने कष्टों को सहकर,
जो पर उपकार रचाता है।
अपने दु:ख को हृदयसात,
कर जो न किंचित घबराता है।
वही श्रेष्ठ मानव, जीवन में,
आत्मविजेता कहलाता है।
 
देख कष्ट दूसरों के जो,
अविरल अश्रु बहाता है।
परहित के परिमाप निहित,
निज कष्टों को अपनाता है।
वही श्रेष्ठ मानव, जीवन में,
आत्मविजेता कहलाता है।
 
अन्यायों के अंधियारों में,
न्याय के दीप जलाता है।
शोषित, वंचित, पीड़ित के जो,
मौलिक अधिकार दिलाता है।
वही श्रेष्ठ मानव, जीवन में,
आत्मविजेता कहलाता है।
 
अपनी इन्द्रियों को वश में रख, 
मन संयमित कर जाता है।
संघर्षों से लड़कर जो अपना,
जीवन सुघड़ बनाता है।
वही श्रेष्ठ मानव, जीवन में,
आत्मविजेता कहलाता है।
 
राष्ट्रप्रेम की बलिवेदी पर,
जो अपना शीश चढ़ाता है।
मातृभूमि की रक्षा में जो,
अपना सर्वस्व लुटाता है।
वही श्रेष्ठ मानव, जीवन में,
आत्मविजेता कहलाता है।
 
मृत्यु से आंख मिलाकर जो,
मृत्युंजय बन जाता है।
काल के कपाल पर जो,
स्वयं भाग्य लिख जाता है।
वही श्रेष्ठ मानव, जीवन में,
आत्मविजेता कहलाता है।
 
माता-पिता की सेवा कर जो,
इस धरा पर पुण्य कमाता है।
वसुधैव कुटुम्बकम् के विचार,
को जो मन से अपनाता है।
वही श्रेष्ठ मानव, जीवन में,
आत्मविजेता कहलाता है।
 
ये भी पढ़ें
पंचतंत्र की मजेदार कहानी : शिकार का ऐलान...