शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Hindi Poetry

कविता : झकझोरकर मुझे हवा ने

कविता : झकझोरकर मुझे हवा ने। हिंदी काव्य | Hindi Poetry
झकझोरकर
मुझे हवा ने
अलौकिक खेल दिखाया
 
उतार कमीज
पल में
उठा पटक कर
ले उड़ी
 
घुमा फिराकर टांग दी
बबूल की टहनी पर I
मुझे मार धक्का
पटक गड्ड़े में
 
बैठ छाती पर
मानो तांडव नया
अजीब दिखाया
 
बोझ कल्पनाओं का लाद,
गुम होकर
डरावना स्वप्न सा
दृश्य दिखाया
खूब दिखाया।