रविवार, 1 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. साहित्य आलेख
  4. study on hindi
Written By नवीन रांगियाल
Last Updated : शुक्रवार, 20 नवंबर 2020 (15:38 IST)

शोध में खुलासा: हिंदी पढ़ने और बोलने से मस्‍त‍िष्‍क रहेगा चुस्‍त- दुरुस्‍त

शोध में खुलासा: हिंदी पढ़ने और बोलने से मस्‍त‍िष्‍क रहेगा चुस्‍त- दुरुस्‍त - study on hindi
मस्‍त‍िष्‍क को चुस्‍त दुरुस्‍त रखने के लिए कोई दवाई खाता है तो कोई योग प्राणायाम करता है, लेकिन कभी आपने सुना है कि यह काम सिर्फ हिंदी पढ़ने या उसके प्रयोग करने से हो सकता है।

जी हां, हिंदी पढ़ने और बोलने से मस्‍त‍िष्‍क चुस्‍त और दुरुस्‍त रहता है। यह हम नहीं कह रहे, बल्‍कि‍ एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है।

राष्‍ट्रीय मस्‍त‍िष्‍क अनुसंधान केंद्र के डॉक्‍टरों की एक टीम ने इस बात का खुलासा किया है।

डॉक्‍टरों की इस टीम ने रिपोर्ट जारी की है कि हिंदी पढ़ना और बोलना अपने मस्‍त‍िष्‍क को चुस्‍त और स्‍वस्‍थ रखने का सबसे कारगर तरीका है। डॉक्‍टरों ने सलाह दी है कि मस्‍त‍िष्‍क को स्‍वस्‍थ रखना है तो हिंदी का ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रयोग किया जाए। डॉक्‍टरों ने कहा है कि ऐसा करने के लिए हिंदी का सस्‍वर पाठन करना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि यह हिंदी अंग्रेजी की तुलना में फायदेमंद है। अंग्रेजी का उपयोग काम होने पर ही प्रयोग करना चाहिए। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे दिमाग तरोताजा रहता है।

एक साइंस पत्र‍ि‍का में प्रकाशि‍त हुए इस शोध में कहा गया है कि अंग्रेजी का प्रयोग दिमाग के एक हिस्‍से को ही सक्रि‍य करता है, जबकि हिंदी दिमाग के दोनों हिस्‍सों को सक्रि‍य करती है।

डॉक्‍टरों के मुताबि‍क शोध के पहले चरण में छात्रों को पहले अंग्रेजी और फि‍र हिंदी भाषा को जोर जोर से पढ़ने के लिए कहा गया। इसके बाद इसके परिणाम देखे गए। इस दौराना छात्रों के दिमाग का एमआरआई किया गया और उसके नतीजें देखे गए।

ऐसे हुआ शोध
  • कुछ छात्रों को पहले अंग्रेजी पढ़ने के लिए दी गई।
  • इसके बाद उन्‍हें हिंदी सामग्री पढ़ने के लिए दी गई।
  • भाषाओं को पढ़ने के दौरान उनके दिमाग का एमआरआई किया गया।
  • इसके बाद उनके नतीजें देखे गए।
  • इसके साथ ही कुछ और भी शोध किए गए और तुलनात्‍मक अध्‍ययन किया गया।
  • अंग्रेजी पढ़ने के दौरान दिमाग का एक ही हिस्‍सा सक्रि‍य था, जबकि हिंदी पढ़ने वक्‍त दिमाग के दोनों हिस्‍से सक्रि‍य थे।
  • अब डॉक्‍टरों की ज्‍यादा से ज्‍यादा हिंदी इस्‍तेमाल करने की सलाह है।
  • जबकि अंग्रेजी का इस्‍तेमाल सिर्फ काम के लिए। 


राष्‍ट्रीय मस्‍त‍िष्‍क अनुसंधान केंद्र जल्‍द ही कुछ दूसरी भाषाओं पर भी इसी तरह का अध्‍ययन करने वाला है, जिससे उनके भी परिणाम आ सके।

ये भी पढ़ें
इन 4 डिटॉक्स ड्रिंक से घटाएं वजन और पाएं खूबसूरत त्वचा