शुक्रवार, 8 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. साहित्य आलेख
  4. Soulful release of Maun Mukher Tha
Written By
Last Updated : रविवार, 13 नवंबर 2022 (16:54 IST)

मौन मुखर था का भावपूर्ण विमोचन

wama
कविताओं में नारी विमर्श और अभिव्यक्ति की गुणवत्ता निरंतर मुखरित हो रही है। मौन ही भावना की भाषा बनता है, तभी ऐसे संग्रह सामने आते हैं। ये विचार साहित्य अकादमी के निदेशक विकास दवे ने व्यक्त किए। आप कवयित्री अंजना मिश्र के काव्य संग्रह, ‘मौन मुखर था’ के विमोचन के अवसर पर विचार व्यक्त कर रहे थे।

मुख्य अतिथि आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्रा ने रचनाधर्मिता में मौन के महत्व को रेखांकित किया। आपने कहा कि इस अभिव्यक्ति में मौजूद भावनात्मक उतार चढ़ाव हमें कवयित्री की आंतरिक सृजनशीलता का परिचय देते हैं।

कविताओं पर बोलते हुए पुणे से पधारी जया सरकार ने कहा कि ये कविताएं कुछ ऐसी हैं, जैसे कोई सुघड़ स्त्री सहजता से अपने पाठकों को अपने साथ अपनी कविताओं तक ले जाती है। आपने कवयित्री की गद्यात्मक पद्य की विशेषता पर भी प्रकाश डाला।
wama
विषय की विविधता और शिल्प का सौंदर्य कविता की विशेषता है और यह अंजना मिश्र की कविताएं सहज रुप से व्यक्त करती हैं। वामा साहित्य मंच से पद्मा राजेन्द्र ने काव्य संग्रह मौन मुखर था पर अपने विचार व्यक्त किए। अपनी बात कहते हुए कवयित्री अंजना मिश्र ने अपने प्रेरणा स्रोत और कविता की बुनावट संबंधित बारीक मनोभावों को व्यक्त किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती वंदना प्रीति दुबे ने प्रस्तुत की। अतिथि स्वागत ज्योति जैन, इंदु पाराशर, निष्ठा और कनिष्क मिश्र ने किया।  स्वागत उद्बोधन दिया इंदु पाराशर ने। कार्यक्रम का सफल संचालन किया चक्रपाणि मिश्र और अंतरा करवडे ने। वसुधा गाडगिल ने आभार व्‍यक्‍त किया।
Edited: By Navin Rangiyal
ये भी पढ़ें
Children's Day : कहां गया वह भोला बचपन, मीठा और गुलाबी बचपन