हिन्दी भाषा, साहित्य एवं डिजिटल मंच पर हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए देश की राजधानी दिल्ली में वाणी फाउंडेशन और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में 3-4 मार्च 2017 को दो दिवसीय हिन्दी महोत्सव का आयोजन इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय (31, शामनाथ मार्ग, सिविल लाइन्स, दिल्ली-54) में सुनिश्चित किया गया है। इस महोत्सव में भाषा, साहित्य, रंगमंच, संगीत, मीडिया और प्रकाशन जगत से संबंधित विविध विषयों पर परिचर्चा, सम्मेलन, कार्यशाला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जिनमें देशभर के प्रख्यात विद्वान और साहित्यकारों के अलावा कला, संगीत व संस्कृति जगत के मूर्धन्य व्यक्तित्व भी हिस्सा लेंगे।
हिन्दी महोत्सव के इस दो दिवसीय आयोजन में साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली विशेष सहयोगी है। हिन्दी महोत्सव में सुकृता पॉल कुमार, अभय कुमार दुबे, सुधीश पचौरी, हरीश त्रिवेदी, यतीन्द्र मिश्र, विद्या सिन्हा, प्रो. कृष्ण कुमार, श्यौराज सिंह बेचैन, पुष्पेश पंत, डॉ. बाबली मोइत्रा सराफ, प्रचण्ड प्रवीर, अनामिका, सविता सिंह, लीलाधर मंडलोई, अशोक चक्रधर, मंगलेश डबराल, गगन गिल, अदिति, माहेश्वरी-गोयल, अलिन्द माहेश्वरी, नीलिमा चौहान, विनीत बंसल, संजय जोशी, रविंदर सिंह, भगवानदास मोरवाल, अनंत विजय, सरला माहेश्वरी, ओम थानवी, वर्तिका नन्दा, अरविन्द गौड़, मैत्रेयी पुष्पा, गीताश्री, स्मिता परिख, सुरेन्द्र मोहन पाठक, प्रभात रंजन, रचना यादव और निजामी बन्धु जैसे मूर्धन्य रचनाकारों, विद्वानों, कलाकारों, मीडिया और प्रकाशन विशेषज्ञों के कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। साथ ही दोनों दिन कॉलेज परिसर में छात्र-छात्राओं के लिए कई प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा तथा पॉपुलर व युवा लेखन का भी समावेश किया गया जाएगा। इन सभी गतिविधियों का एक उद्देश्य यह भी है कि इनके माध्यम से आज के युवाओं को सीधे-सीधे हिन्दी के बड़े परिदृश्य से जोड़ा जाए और उनमें साहित्य, संस्कृति और कला की चेतना का विकास किया जाए। वाणी प्रकाशन की निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल हिन्दी महोत्सव की फेस्टिवल डायरेक्टर हैं।
शुक्रवार 3 मार्च 2017 को सुबह 9:30 बजे इन्द्रप्रस्थ कॉलेज के प्रांगण में हिन्दी महोत्सव का उद्घाटन होगा। इसके बाद प्रसिद्ध नृत्यांगना रचना यादव की कत्थक प्रस्तुति से हिन्दी महोत्सव का भव्य आरम्भ होगा। 11:15 बजे से शुरू होने वाले सत्र जबानी जायका में प्रसिद्ध कवयित्री, अनुवादक और विदुषी सुकृता पॉल कुमार, रक्षंदा जलील और सैफ़ महमूद के साथ निष्ठा गौतम की बातचीत होगी।
12:15 बजे वाले सत्र में वरिष्ठ राजनीतिक चिन्तक और बुद्धिजीवी अभय कुमार दुबे, राहुल देव और आदित्य निगम के साथ नयी लेखिका प्रतिष्ठा सिंह बातचीत करेंगी। भारतीय भाषाओं में राजनीतिक विमर्श नामक इस सत्र में ये सभी लेखक हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में राजनीतिक लेखन की परंपरा पर केन्द्रित रहते हुए उसकी वर्तमान प्रवृत्तियों को रेखांकित करेंगे।
भोजनावकाश के उपरान्त हिन्दी भाषा शिक्षण पर विचारोत्तेजक चर्चा प्रस्तावित है। एन.सी.ई.आर.टी. के पूर्व निदेशक और शिक्षा विभाग (दिल्ली विश्वविद्यालय) के प्रो. कृष्ण कुमार और हिन्दी विभाग के प्रो. अपूर्वानंद हिन्दी भाषा के पठन-पाठन की समस्या पर बात करेंगे। यह सत्र आज के पाठकों की रुचि और प्रवृत्तियों को
ध्यान में रखते हुए हिन्दी के अध्यापन की समस्याओं से रूबरू होने का एक बढ़िया मौका होगा जहां अकादमिक जगत के प्रतिष्ठित विद्वानों को सुनकर एक नई दृष्टि मिलेगी। हिन्दी के इमोजी यानी ‘हिमोजी’ तकनीक की दुनिया में हिन्दी प्रतिभा एक नया आविष्कार है। हिमोजी की सर्जक अपराजिता शर्मा अपने
मास्टरक्लास में इस पर विस्तार से बात करेंगी। इसी समय जिज्ञासु श्रोता और पाठक इन्द्रप्रस्थ कॉलेज पुस्तकालय के सेमिनार कक्ष में दलित आंदोलन की सैद्धांतिकी पर श्यौराज सिंह बेचैन, बजरंग बिहारी तिवारी और अजय नावरिया के बीच होने वाले संवाद का लाभ उठा सकते हैं।
3 मार्च को दोपहर के बाद अनु सिंह चौधरी लेकर उपस्थित होंगी कहानी अपने शहरों की। इसमें इरा पांडे, पुष्पेश पन्त और यतीन्द्र मिश्र के साथ वे उनके शहरों की कहानी पर बात करेंगी। शहरों पर होने वाले इस संवाद में उपस्थित वक्ताओं के व्यक्तित्व के साथ-साथ उनके शहरों के व्यक्तित्व की भी जानकारी मिलेगी।
इस सत्र में कई शख्सियतों का मिलन होगा और उनके बहाने कई शहरों का भी संगम होगा। इसी के समानान्तर कॉलेज के सेमिनार कक्ष में आयोजित हिन्दी और विदेशी भाषाएं : संवाद और अनुवाद सत्र में इंद्रप्रस्थ कॉलेज की प्राचार्या डॉ. बाबली मोइत्रा सराफ, स्पेनिश की अध्यापिका मनीषा तनेजा,निकोला इडियर (फ्रेंच बुक ऑफिस की अधिकारी) और मनु आर्या (नोर्वेजीयाई दूतावास की अधिकारी) के साथ वाणी प्रकाशन की अदिति माहेश्वरी-गोयल अनुवाद की समस्याओं पर बात करेंगी।
हिन्दी महोत्सव के पहले दिन शाम 4:15 बजे कॉलेज के कॉन्फ्रेंस रूम में कविता की बात कर चम्पू लेकर उपस्थित होंगे हास्य और व्यंग्य के शिखर रचनाकार अशोक चक्रधर। अशोक चक्रधर अपने हास्य रस की फुलझड़ियों से श्रोताओं को गुदगुदाएंगे और हिन्दी महोत्सव की पहली शाम को सुहाना और दिलचस्प बनाएंगे। इसी समय सेमिनार कक्ष में रस सिद्धांत और विश्व सिनेमा पर एक मास्टर क्लास आयोजित होगी।
दूसरा दिन (4 मार्च 2017, शनिवार)
हिन्दी महोत्सव के दूसरे दिन सुबह 9:30 बजे कविता उत्सव का आयोजन प्रस्तावित है। इस काव्य गोष्ठी में हिन्दी के गणमान्य और शीर्ष कवि भाग लेंगे। यहां कविता प्रेमियों को उदय प्रकाश, मंगलेश डबराल, अनामिका, सविता सिंह, लीलाधर मंडलोई, गगन गिल और विपिन चौधरी के कविता पाठ को सुनने का और हिन्दी कविता की एक सदाबहार दुनिया से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।
प्रकाशन के नए आयाम दूसरे दिन का अगला सत्र (11:15-12:15) होगा जिसमें हिन्दी प्रकाशन जगत की कई हस्तियां आपस में संवाद करेंगी। इस सत्र में मीरा जौहरी (राजपाल एंड संस), नीता गुप्ता (जयपुर बुकमार्क, यात्रा बुक्स), प्रभात कुमार (प्रभात प्रकाशन), अलिन्द माहेश्वरी (राजकमल प्रकाशन) और शैलेश भरतवंशी (हिन्दी युग्म) के साथ बातचीत करेंगी वाणी प्रकाशन की निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल। आज की हिन्दी की बदलती हुई दुनिया में प्रकाशन जगत की बदलती हुई व्यवस्था पर यह बातचीत बेहद प्रासंगिक होगी। एक खास भाषा के परिवेश और उस भाषा में छपने-छापने की स्थितियों पर होने वाली इस बातचीत में प्रकाशन में रोजगार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। इसमें प्रकाशन जगत की अपनी समस्याओं के अलावा सूचना तकनीक के युग में उसके बदलते ढांचे पर भी बात हो सकेगी।
इसी के समानान्तर सेमिनार कक्ष में डॉक्यूमेंट्री सिनेमा : महिला स्वर पर संजय जोशी के मास्टर क्लास का आयोजन प्रास्तावित है। इस मास्टर क्लास में डॉक्यूमेंट्री के विविध पक्षों की जानकारी मिलेगी और उसमें स्त्री की आवाज को प्रमुखता से उभारा जाएगा।
दूसरे दिन के तीसरे सत्र (12:15-1:15) की शुरुआत हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी के साथ होगी जिसमें प्रसिद्ध फिल्मकार सुधीर मिश्रा से अजित राय बात करेंगे। इस बातचीत में सुधीर मिश्रा श्रोताओं से अपने रंगमंचीय और सिनेमाई सफ़र के अनुभवों को साझा करेंगे। साथ में हिंदी हिंदी कितनी बिंदी सत्र में आज की हिंदी की खूबियों पर सुधीश पचौरी, हरीश त्रिवेदी, अन्विता अब्बी और उदय प्रकाश के साथ संवाद के लिए आमने-सामने होंगे प्रियदर्शन। यहां अकादमिक दुनिया और रचना की दुनिया के धुरंधर हिन्दी की बदलती हुई प्रकृति पर बोलेंगे। ये सभी संवादी अपने-अपने क्षेत्र में शिखर पर स्थित हैं अतः हिन्दी के किसी भी जिज्ञासु के लिए इस बातचीत में शामिल होने का अनुभव एक यादगार अनुभव बन जाएगा। इस बीच संजय जोशी की मास्टर क्लास जारी रहेगी और साथ में दूसरी ओर लेखन में विचार जरूरी या विचारधारा के मुद्दे पर अद्वैता काला, श्याम किशोर सहाय, अनंत विजय और वर्तिका नन्दा की बहस भी जारी रहेगी।
इस बहस का संचालन करेंगे ‘हलाला’ और ‘पकी जेठ का गुलमोहर’ के चर्चित लेखक भगवानदास मोरवाल। जो लोग गम्भीर लेखन में रुचि रखते होंगे उनके लिए यह एक अहम सत्र होगा, लेकिन जो लोकप्रिय लेखन में रुचि रखने वाले हैं वे भी इस सत्र में उपस्थित होकर लाभांवित हो सकते हैं।
भोजनोपरांत 2:15 बजे आरम्भ होने वाले सत्र में इन्द्रप्रस्थ कॉलेज के कॉन्फ्रेंस रूम में मीडिया भाषा का सामाजिक खाका सत्र में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की दुनिया की हस्तियों—सरला माहेश्वरी, ओम थानवी, वर्तिका नंदा और विनोद दुआ की गहमागहमी रहेगी। इनके बीच होने वाले विचार-विमर्श का संचालन करेंगी ऋचा अनिरुद्ध। इस सत्र में मीडिया की सामाजिक भूमिका पर चर्चा की जाएगी और विगत और वर्तमान के अनुभवों द्वारा उसकी बदलती हुई छवि पर विशेष ध्यान दिलाया जाएगा। इसके साथ ही सेमिनार कक्ष में लगातार दो घंटे तक अस्मिता नाट्यमंडली के अरविन्द गौड़ रंगमंच पर मास्टर क्लास का संचालन करेंगे। अरविन्द गौड़ छात्र-छात्राओं को रंगमंच के गुर सिखाएंगे और इस क्षेत्र में प्रतिभा के विकास के साथ-साथ रोजगार की सम्भावनाओं पर भी चर्चा करेंगे। इसी समय एक और सत्र गुनहगार औरतें में मैत्रेयी पुष्पा, अनामिका, गीताश्री और स्मिता परिख के साथ प्रतीक्षा पांडे की बातचीत होगी। एक गुनाहगार के रूप में साहित्य और जीवन दोनों क्षेत्रों में स्त्रियों के चित्रण पर केन्द्रित यह सत्र अपनी तरह का बिलकुल अलग सत्र होगा जिसमें तीन पीढ़ियों की तीन लेखिकाएं एक साथ एक मंच पर उपस्थित रहेंगी।
हिन्दी महोत्सव के दूसरे दिन के अंतिम सत्रों का सिलसिला शुरू होगा अनु सिंह चौधरी के गुड गर्ल शो से। 3:15 बजे से आरम्भ होने वाला यह शो यह इन्द्रप्रस्थ कॉलेज के एवी रूम में प्रस्तावित है। इस शो में खास आपके लिए एक दिलचस्प दास्तान की प्रस्तुति होगी—यह दास्तान है छोटे-छोटे शहरों की वैसी लड़कियों की जो दिल्ली जैसे महानगर में आकर पीजी में रहती हैं और बहुत ही निर्भीक होकर एक संघर्ष भरी जिंदगी जीती हैं। इसी के साथ क़त्ल की क़िस्सागोई वाले विशेष सत्र में रहस्य कथा लेखन के बादशाह सुरेन्द्र मोहन पाठक से प्रभात रंजन उनकी आधी सदी के लेखन अनुभवों पर दिलचस्प बातचीत करेंगे।
इन्द्रप्रस्थ कॉलेज के विशाल सभागार में शाम 4 बजे आरम्भ होने वाली निज़ामी बंधु संध्या से हिन्दी महोत्सव का समापन होगा। निजामी बंधु के साथ सभागार में उपस्थित श्रोतागण सूफी संगीत की एक अलहदा दुनिया में डुबकी लगाएंगे और अपने साथ हिन्दी महोत्सव की बेमिसाल सौगात साथ लेकर जाएंगे।हिन्दी महोत्सव के दोनों दिन कॉलेज परिसर में स्वरचित कविता प्रतियोगिता, साहित्यिक प्रश्नोत्तरी, आशुलेखन तथा अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।