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यह है आज का धमाकेदार चुटकुला : मैथ्स के टीचर की बात सुनकर पप्पू को चक्कर आ गए
यह चुटकुला आपको हंसा-हंसा कर थका देगा : यह डंडी कितने की आती है?
आपकी नाक कट गई है : यह है चटपटी चुटकी लड़के वालों के लिए
एक बहुत बड़ा क्रांतिकारी था : यह चुटकुला पढ़कर जोर से हंस पड़ेंगे
इंग्लिश चलेगी ना : इस चुटकुले को पढ़कर चक्कर आ जाएंगे
न्यूटन का नियम : चिंटू का जवाब आपका पेट दुखा देगा
टीचर
:- न्यूटन का नियम बताओ..
चिंटू:-
सर पूरी लाइन तो याद नहीं,, लास्ट का याद है.
टीचर :
- चलो लास्ट का ही सुनाओ
चिंटू :
…और इसे ही न्यूटन का नियम कहते हैं..।
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सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते? क्या है आयुर्वेदिक कारण? जानिए बेहतर विकल्प
sawan me kadhi kyu nahi khate: सावन का महीना आते ही वातावरण में हरियाली, ठंडक और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संयोग देखने को मिलता है। इस पवित्र महीने में शिव भक्ति का विशेष महत्व होता है, और साथ ही भोजन और जीवनशैली को लेकर भी अनेक परंपराएं और नियमों का पालन किया जाता है।
हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होता आइस बाथ, ट्रेंड के पीछे भागकर ना करें ऐसी गलती
ice bath side effects in hindi: आजकल सोशल मीडिया और फिटनेस व्लॉग्स पर एक ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है, आइस बाथ यानी बर्फ वाले पानी में शरीर को डुबोकर बैठना। इसे सेलिब्रिटीज से लेकर फिटनेस इंफ्लुएंसर्स तक फॉलो कर रहे हैं।
सावन में हुआ है बेटे का जन्म तो लाड़ले को दीजिए शिव से प्रभावित नाम, जीवन पर बना रहेगा बाबा का आशीर्वाद
boys name inspired by lord shiva: सावन का पवित्र महीना, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है, भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह माह सिर्फ पूजा-पाठ और भक्ति का नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और दिव्य आशीर्वाद का भी प्रतीक है। यदि आपके घर में इसी पावन सावन मास में किसी लाड़ले बेटे का जन्म हुआ है, तो यह निश्चित रूप से शिव जी का विशेष आशीर्वाद है। ऐसे में, अपने बच्चे को शिव से प्रभावित नाम देना उसके जीवन के लिए अत्यंत शुभ फलदायी हो सकता है। माना जाता है कि इन नामों के प्रभाव से बच्चे पर जीवनभर बाबा का आशीर्वाद बना रहता है और वह तेजस्वी, शक्तिशाली व भाग्यशाली बनता है।
बारिश के मौसम में साधारण दूध की चाय नहीं, बबल टी करें ट्राई, मानसून के लिए परफेक्ट हैं ये 7 बबल टी ऑप्शन्स
bubble tea: मानसून का मौसम आते ही ठंडी फुहारें, मिट्टी की खुशबू और चाय-कॉफी की तलब हर किसी को लगती है। लेकिन क्या आपने कभी बारिश के दिनों में बबल टी का मजा लिया है? बबल टी यानी टैपिओका पर्ल्स से सजी हुई एक क्रिएटिव और टेस्टफुल ड्रिंक, जो हर घूंट में देता है एक नया अनुभव।
इस मानसून में काढ़ा क्यों है सबसे असरदार इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक? जानिए बॉडी में कैसे करता है ये काम
Monsoon immunity booster Kadha: जब मानसून का मौसम दस्तक देता है, तो चारों ओर हरियाली और ठंडी हवाएं तो खुश कर देती हैं, लेकिन इसी मौसम में शरीर पर कई बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगता है। बारिश के मौसम में वायरस, बैक्टीरिया और संक्रमण तेजी से फैलते हैं, जिससे सर्दी, खांसी, बुखार, गले में खराश, पेट की गड़बड़ी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।
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क्या हमेशा मल्टी ग्रेन आटे की रोटी खाना है सेहतमंद, जान लें ये जरूरी बात
disadvantages of multigrain atta: आजकल स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग मल्टीग्रेन आटे को अपनी डाइट का अहम हिस्सा बना रहे हैं। यह सोचकर कि इसमें कई अनाजों का मिश्रण है, तो यह अधिक पौष्टिक और फायदेमंद होगा। इसमें कोई शक नहीं कि मल्टीग्रेन आटा कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन क्या यह हर किसी के लिए और हर मौसम में फायदेमंद है? एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर आप भी हमेशा सिर्फ मल्टीग्रेन आटे की रोटी खाते हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए, क्योंकि यह आपके पेट से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
7 चौंकाने वाले असर जो खाना स्किप करने से आपकी बॉडी पर पड़ते हैं, जानिए क्या कहती है हेल्थ साइंस
what happens when you skip meals: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में समय की कमी, वेट लॉस का प्रेशर या कभी-कभी बस काम के चक्कर में लोग दिन का कोई एक या दो वक्त का खाना स्किप कर देते हैं। कुछ लोग इसे हेल्दी मानते हैं, तो कुछ आदत में ऐसा करने लगते हैं।
मानसून में डेंगू के खतरे से बचने के लिए आज ही अपना लें ये 5 आसान घरेलु उपाय
dengue se bachne ke upaay: मानसून का मौसम जहां एक ओर ठंडी हवाओं, हरियाली और राहत की बूंदों का आनंद देता है, वहीं दूसरी ओर यह कई बीमारियों को भी आमंत्रण देता है। खासकर डेंगू जैसी वायरल बीमारियां इस मौसम में सबसे ज्यादा फैलती हैं। हर साल हजारों लोग डेंगू के कारण अस्पतालों में भर्ती होते हैं, और कई मामलों में ये जानलेवा भी साबित होता है।
ऑपरेशन सिंदूर पर शानदार कविता: भारत के स्वाभिमान और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत पंक्तियां
operation sindoor par kavita in hindi भारत की पुण्यभूमि पर पहलगाम जैसा गुलिस्तान, पाकिस्तान की साज़िश से धरती का स्वर्ग हुआ लहूलुहान ।। मिटाने चले थे वो, भारत की बेटियों का सिंदूर, सोचा न था होगा अपना ही हर घर चकनाचूर ।। मगर भूल गए थे वो, ये भारत है स्वाभिमान का देश, शांतिदूत हैं हम, पर नहीं सहेंगे कोई क्लेश ।।
शताब्दी वर्ष में समाज परिवर्तन के लिए सक्रिय संघ
इस वर्ष विजयादशमी यानी 2 अक्टूबर से संघ शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। पिछले काफी समय से आगामी 2 अक्टूबर से लेकर 2 अक्टूबर 2026 तक इसके आयोजनों और कार्यक्रमों को लेकर गंभीर चर्चा हमारे सामने आते रहे हैं। स्वाभाविक ही इस समय की अधिकतर बैठकों का केंद्र बिंदु शताब्दी वर्ष ही होगा।
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