• Webdunia Deals
  1. चिकित्सा पद्धतियाँ
  2. सुकोमल चिकनी त्वचा का राज
Written By ND

सुकोमल चिकनी त्वचा का राज

त्वचा से उम्र का पता नहीं चलेगा

skin beauty treatmen | सुकोमल चिकनी त्वचा का राज
डॉ.अनिल सोनी
NDND
चेहरे की ढीली स्किन, झुर्रियाँ एवं चमक खोती त्वचा किसी भी व्यक्ति को चिंतित कर सकती हैं। आधुनिकता के इस दौर में सभी ढलती उम्र में भी जवान, फिट एवं तरोताजा दिखना चाहते हैं। वह भी किसी तकलीफदायक सर्जरी से गुजरे बिना।

चेहरे एवं शरीर की ढीली त्वचा में कसावट लाने एवं अनचाही चर्बी को कम करने की नई तकनीकें उपलब्ध हैं। कॉस्मेटोलॉजी विज्ञान के नए आविष्कारों द्वारा यहाँ काफी हद तक संभव हो गया है। एसपीआरएफ एक नई तकनीक है, जिसमें नॉन लेसर सुपर-पल्श करंट त्वचा के नीचे फोकस किया जाता है, इससे कुछ सेकंडों के लिए तापमान 50-60 डिग्री से. तक बढ़ जाता है। इससे नई कोशिकाएँ एवं ऊतकों का निर्माण शुरू हो जाता है, त्वचा उत्तेजित होती है।

कुछ ही हफ्तों की सिटिंग्स में बारीक झुर्रियाँ एवं ढीली त्वचा बेहतर दिखने लगती हैं। इस तरह की झुर्रियों को डायनामिक रिंकल्स कहते हैं। कुछ मशीनों में सुपर पल्स करंट के साथ-साथ वैक्यूम भी होने से यह और अच्छे परिणाम देता है।

NDND
कहाँ उपयोगी ह
यह मुख्यतः आँखों के नीचे की झुर्रियों, ठोढ़ी की लटकती त्वचा (डबल चिन) एवं गोल उभरे हुए गालों को चपटा करने के लिए उपयोगी है। साथ ही लटकती हुई पलकों को भी बिना ऑपरेशन के बेहतर किया जा सकता है।


बोटॉक्स एवं न्यूरोन्स
इंजेक्शन पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्रचलित एंटी रिंकल ट्रीटमेंट है। यह मुख्यतः बड़े एवं मुश्किल से जाने वाली झुर्रियों के लिए उपयोगी है। पूर्व में यह बहुत महँगा होता था, लेकिन अब लगातार शोध एवं विकास तकनीकों के चलते यह किफायती हो गया है। बोटॉक्स में चेहरे की मसल्स को शिथिल कर देने का गुण होता है, जिससे मसल्स से जुड़ी ऊपरी त्वचा एवं झुर्रियाँ अपने आप टाइट हो जाती हैं।

NDND
इसे त्वचा के ऊपर से बहुत ही बारीक एवं दर्दरहित इंजेक्शन निडल द्वारा डाला जाता है। साधारणतः इस प्रक्रिया में 15-20 मिनट का समय लगता है। इसका असर 6-8 माह तक ही रहता है, परंतु अब बोटॉक्स के साथ-साथ अन्य तकनीकें जैसे फिलर्स, लेजर, फेशियल, आदि जोड़ने से त्वचा काफी टाइट व चमकदार दिखती है। बोटॉक्स के बारे में बहुत सी भ्रांतियाँ एवं डर व्याप्त होने से अधिकतर लोग इसे नहीं लेना चाहते हैं।

परंतु वास्तविक तौर पर बोटॉक्स का साइड इफेक्ट काफी ज्यादा डोज लेने पर देखा जाता है। जबकि चेहरे पर मात्र 50-40 यूनिट्स का ही उपयोग होता है जो कि बिलकुल सुरक्षित है।