WHO ने मंकीपॉक्स को बताया पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी, जानिए दुनियाभर में फैल रही ये बीमारी कितनी है खतरनाक
क्या हैं मंकीपॉक्स बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके
Monkey Pox: अफ्रीका में एम पॉक्स तेजी से फैल रहा है। एम पॉक्स यानी कि मंकीपॉक्स के युगांडा और केन्या में भी मरीज दिखाई दे रहे हैं और यह आशंका है कि यह बहुत तेजी से फैल रहा है और जल्द ही पांडेमिक का रूप ले सकता है। आज इस आलेख में हम आपको मंकीपॉक्स के कारण, लक्षण और बचाव से सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं।
क्या बीमारी है मंकी पॉक्स
मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है, जिसमें स्किन पर दर्दनाक फोड़े हो जाते हैं। इसमें बुखार, सिर दर्द होता है और शरीर टूटने लगता है। यह वायरस दो प्रकार का है। पहला - क्लेड 1 (कांगो बेसिन क्लेड) और क्लेड 2 (पश्चिमी अफ्रीकी क्लेड)। यह वायरस जानवरों से इंसानों में और इंसानों में एक दूसरे के संपर्क से फैलता है। यौन संपर्क भी इस वायरस के फैलने का एक कारण है। यह वायरस शरीर में दो से चार हफ्तों के लिए रहता है।
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मंकी पॉक्स के लक्षण जल्दी नहीं दिखते हैं। यदि कोई व्यक्ति मंकी पॉक्स से संक्रमित है तो 1 से 2 हफ्ते बाद ही उसे इसके लक्षण दिखेंगे। इसमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर दाने निकल जाना, थकान और पीठ दर्द शामिल है।
WHO का क्या है कहना:
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार मंकी पॉक्स के कारण निमोनिया, उल्टी, खाना निगलने में कठिनाई, नजर में कमजोरी हो सकती है। एचआईवी वाले लोगों में यदि मंकी पॉक्स डिटेक्ट होता है तो उनके लिए जोखिम ज्यादा है।
मंकी पॉक्स से कैसे करें बचाव
मंकी पॉक्स से बचना चाहते हैं तो इसके लिए संक्रमित जानवरों या व्यक्तियों से संपर्क बनाने से बचें। स्वच्छता का ध्यान रखें। जिस जगह संक्रमण फैला हो, उस जगह सुरक्षात्मक कपड़े पहनें। मंकी पॉक्स के लक्षण दिखने पर तरल पदार्थ का सेवन जरूर करें।
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