Eye Flu में आई ड्रॉप डालने का क्या है सही तरीका
बारिश का मौसम जितना सुहाना होता है उतना ही ज्यादा इस मौसम में बिमारियों का खतरा होता है। बारिश के मौसम में सर्दी, जुखाम जैसी समस्या सामान्य हैं पर आज के समय में आई फ्लू का खतरा काफी बढ़ गया है। कंजंक्टिवाइटिस की समस्या इन दिनों काफी बढ़ गई है। आप के आस-पास हर कोई काला चश्मा पहनते हुए नज़र आ रहा होगा।
आई फ्लू की समस्या के इस साल सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं। अगर किसी को आई फ्लू है तो आप भी उससे संक्रमित हो सकते हैं। यह किसी की आंख में देखने से नहीं बल्कि बैक्टीरिया फैलने के कारण होता है। आई फ्लू की समस्या के कारण डॉक्टर आपको आई ड्रॉप देते हैं। पर क्या आपको आई ड्रॉप डालने का सही तरीका पता है? चलिए जानते हैं आई ड्रॉप डालने का सही तरीका.........
आई फ्लू के दौरान आंखों में ड्रॉप्स डालने का सही तरीका?
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आई ड्रॉप डालते समय बोतल की टिप को टच न करें।
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आई ड्रॉप की टिप में हमेशा आंखों और हाथों की दूरी होनी चाहिए। अगर टिप पर बैक्टीरिया लगा तो ड्रॉप खराब हो जाती है और इससे इन्फेक्शन और तेजी से फैलता है।
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आई ड्रॉप डालते वक्त हमेशा सिर को जितना पीछे हो सके उतना पीछे करें। आंखों को खोलने के लिए भी आपको किसी की मदद लेनी चाहिए।
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आई ड्रॉप्स कभी ज्यादा न डालें। अगर डॉक्टर ने 2 ड्रॉप्स की सलाह दी है तो उतनी ही मात्रा में आई ड्रॉप डालें। ज्यादा आई ड्रॉप डालने से ज्यादा जल्दी आपका इन्फेक्शन ठीक नहीं होगा।
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आई ड्रॉप डालने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लें।
आई फ्लू के दौरान ये सावधानी रखें
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कंजक्टिवाइटिस के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखें।
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आंखें आने पर बाहर धूप में निकलने पर आंखें दुखने लगती हैं अत: सनग्लासेस पहन कर ही घर से बाहर निकलें।
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दिनभर में कई बार साफ पानी से आंखों को धोएं।
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आई ड्रॉप्स को आंखों में डालने के पहले और दवाई डालने के बाद भी अपने हाथ धोएं।
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जिस व्यक्ति कंजक्टिवाइटिस का इंफेक्शन है, उससे दूरी बनाए रखें।
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यदि घर में किसी को आंखों का इंफेक्शन है, तो उसका तकिया, तौलिया आदि कोई भी चीजें किसी दूसरे के साथ शेयर न करें।
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यदि नेत्र रोग विशेषज्ञ आपको एंटिबायोटिक ड्रॉप या मलहम लगाने की सलाह देते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि दवा का नोजल आंखों तथा पलकों पर टच न हो, इससे भी दूसरी आंख में कंजक्टिवाइटिस इंफेक्शन फैलाने का खतरा बढ़ जाता है।
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कंजक्टिवाइटिस का संक्रमण हाथों के जरिए भी फैल सकता है। अत: घर के सदस्यों तथा स्कूली बच्चों को एक-दूसरे के नजदीक न आने दें।
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कंजक्टिवाइटिस रोग से ग्रसित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं।
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अगर घर में किसी एक बच्चे को इंफेक्शन है तो घर या स्कूल के दूसरे बच्चों के उसके संपर्क में आने पर उन्हें भी यह हो जाता है।