पेपर कप में छिपा खतरा:
1. केमिकल : पेपर कप बनाने में कई तरह के केमिकल का उपयोग किया जाता है, जैसे कि फॉर्मलाडेहाइड, डायोक्सिन, और पॉलीक्लोरीनेटेड बाइफेनिल्स (PCBs)। ये केमिकल गर्म पेय पदार्थों के संपर्क में आने पर पानी में घुल सकते हैं और हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
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2. एक्सट्रूडेड पॉलीस्टायरीन : कुछ पेपर कपों में एक्सट्रूडेड पॉलीस्टायरीन (EPS) की परत होती है, जो एक प्रकार का प्लास्टिक है। EPS गर्म पेय पदार्थों के संपर्क में आने पर हानिकारक रसायन छोड़ सकता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
3. हार्मोन : पेपर कपों में इस्तेमाल होने वाले कुछ केमिकल हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे प्रजनन क्षमता, थायराइड ग्रंथि और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
4. कैंसर का खतरा : कुछ अध्ययनों से पता चला है कि पेपर कपों में इस्तेमाल होने वाले कुछ केमिकल कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।
क्या करें?
1. स्टील या मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करें : जितना हो सके, स्टील या मिट्टी के बर्तनों में चाय या कॉफी पिएं। ये बर्तन सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।
2. पेपर कप का इस्तेमाल कम करें : अगर आपको पेपर कप का इस्तेमाल करना ही पड़े, तो गर्म पेय पदार्थों के लिए डिज़ाइन किए गए कप का इस्तेमाल करें।
3. पेपर कप को लंबे समय तक गर्म पेय पदार्थों के संपर्क में न रखें : अगर आप पेपर कप में चाय या कॉफी पी रहे हैं, तो उसे जल्दी से पी लें और कप को लंबे समय तक गर्म पेय पदार्थों के संपर्क में न रखें।
4. पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें : पेपर कप का इस्तेमाल कम करके आप पर्यावरण को भी बचा सकते हैं।
पेपर कप में चाय या कॉफी पीना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए, जितना हो सके, स्टील या मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करें। अगर आपको पेपर कप का इस्तेमाल करना ही पड़े, तो सावधानी बरतें और पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें।
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