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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 22 मई 2024 (17:02 IST)

क्या है Dream Feeding? नवजात शिशु और मां दोनों के लिए है फायदेमंद

ड्रीम फीडिंग के 4 बेहतरीन फायदे जानें, इन बातों का ध्यान रखना भी है ज़रूरी

Dream Feeding
Dream Feeding
Dream Feeding : नवजात शिशुओं की देखभाल एक चुनौतीपूर्ण और अद्भुत अनुभव होता है। मां और बच्चे के बीच का यह बंधन अनोखा होता है, और बच्चे की हर जरूरत को पूरा करने की कोशिश में मां हर संभव प्रयास करती है। ड्रीम फीडिंग इसी प्रयास का एक हिस्सा है, जो बच्चे को आवश्यक पोषण के साथ-साथ सुरक्षा और शांति भी प्रदान करता है। ALSO READ: 30 की उम्र के बाद महिलाओं में दिखें ये 7 लक्षण तो हो सकती है कैल्शियम की कमी
 
ड्रीम फीडिंग क्या है? 
ड्रीम फीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बच्चे को सोते समय दूध पिलाया जाता है। यह तरीका बच्चे को बिना जगाए दूध पिलाने में मदद करता है, जिससे बच्चा शांत और संतुष्ट रहता है। यह तरीका खासकर उन नवजात शिशुओं के लिए फायदेमंद होता है जो अक्सर जागते हैं और दूध पीने के लिए रोते हैं। ALSO READ: क्या लैपटॉप गोद में रखने से महिलाओं को होती है फर्टिलिटी की समस्या? जानें कारण
 
ड्रीम फीडिंग के फायदे:
1. बच्चे को शांत रखना : ड्रीम फीडिंग से बच्चा बिना जगाए दूध पी लेता है, जिससे वह शांत और संतुष्ट रहता है। यह मां को भी आराम देता है क्योंकि उसे बच्चे को बार-बार जगाने की जरूरत नहीं पड़ती।
 
2. बच्चे का वजन बढ़ना : ड्रीम फीडिंग से बच्चे को पर्याप्त दूध मिलता है, जिससे उसका वजन सही ढंग से बढ़ता है।
 
3. मां के लिए आराम : ड्रीम फीडिंग से मां को रात में बार-बार जागने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे उसे पर्याप्त नींद मिलती है।
 
4. मां और बच्चे के बीच बंधन मजबूत होना : ड्रीम फीडिंग से मां और बच्चे के बीच का बंधन मजबूत होता है, क्योंकि मां बच्चे की जरूरतों को समझती है और उसे संतुष्ट करने के लिए हर संभव प्रयास करती है।
Dream Feeding
ड्रीम फीडिंग कैसे करें?
  • बच्चे को सोते समय ही दूध पिलाएं : जब बच्चा सो रहा हो, तो उसे धीरे-धीरे दूध पिलाएं। बच्चे को जगाने की कोशिश न करें।
  • बच्चे को आरामदायक स्थिति में रखें : बच्चे को आरामदायक स्थिति में रखें, ताकि वह दूध पीते समय शांत रहे।
  • धीरे-धीरे दूध पिलाएं : धीरे-धीरे दूध पिलाएं, ताकि बच्चा बिना जगाए दूध पी सके।
  • बच्चे की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें : बच्चे की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें। अगर बच्चा दूध पीने के बाद भी रो रहा है, तो उसे जगाकर दूध पिलाएं।
ड्रीम फीडिंग के कुछ नुकसान:
  • बच्चे को दूध पीने की आदत लग सकती है : अगर बच्चे को बार-बार सोते समय दूध पिलाया जाता है, तो उसे दूध पीने की आदत लग सकती है। यह बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • मां को नींद की कमी हो सकती है : अगर बच्चा बार-बार दूध पीने के लिए जागता है, तो मां को नींद की कमी हो सकती है।
ड्रीम फीडिंग नवजात शिशुओं के लिए एक अद्भुत उपहार है। यह बच्चे को आवश्यक पोषण के साथ-साथ सुरक्षा और शांति भी प्रदान करता है। हालांकि, ड्रीम फीडिंग करते समय बच्चे की प्रतिक्रिया पर ध्यान देना जरूरी है। अगर बच्चा दूध पीने के बाद भी रो रहा है, तो उसे जगाकर दूध पिलाएं। ड्रीम फीडिंग के बारे में डॉक्टर से सलाह लेना भी जरूरी है।
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