हॉट सीजन में हरा पुदीना, ठंडक देगा कई गुना
हरा पुदीना इन दिनों भारतीय परिवारों के हर व्यंजन में दिखाई देगा। गर्मियों में इनकी आवक भी बढ़ जाती है। आइए जानें चंद लाजवाब नुस्खे ...
हरे पुदीने की 20-25 पत्तियां, मिश्री व सौंफ 10-10 ग्राम और कालीमिर्च 2-3 दाने इन सबको पीस लें और सूती, साफ कपड़े में रखकर निचोड़ लें। इस रस की एक चम्मच मात्रा लेकर एक कप कुनकुने पानी में डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
ताजा-हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह त्वचा की गर्मी निकाल देता है।
हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूंद डालकर चेहरे पर लेप करें। कुछ देर लगा रहने दें। बाद में चेहरा ठंडे पानी से धो डालें। कुछ दिनों के प्रयोग से मुंहासे दूर हो जाएंगे तथा चेहरे की कांति खिल उठेगी।
पुदीने का सत निकालकर साबुन के पानी में घोलकर सिर पर डालें। 15-20 मिनट तक सिर में लगा रहने दें। बाद में सिर को जल से धो लें। दो-तीन बार इस प्रयोग को करने से बालों में पड़ गई जुएं मर जाएंगी।
पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है। पुदीने और सौंठ का क्वाथ बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाले बुखार में राहत मिलती है।
पुदीना सेहत की दृष्टि से अत्यंत गुणकारी है। इसे घर में किसी भी क्यारी में आसानी से उगाया जा सकता है। पुदीने का गुण शीतल होता है।
लू लगने व सिर दर्द होने पर इसकी ठंडाई बनाकर पीने से आराम मिलता है।
मुँह के छाले या मसूड़े के दर्द में गर्म पानी में पुदीना मिलाकर कुल्ले करने से आराम मिलता है।
यह मुख दुर्गन्ध नाशक है। जिस मौसम में ताजा पुदीना नहीं मिलता उन दिनों पुदीने के सूखे पत्ते या डंठल लाभकारी होते हैं। पुदीना हैजे की कारगर दवा है।
अर्क पुदीना(पिपरमिंट) के रूप में इसका उपयोग जी मिचलाना, अफारा, अतिसार,बवासीर में होता है।
शरीर को सुंदर बनाने के लिए पुदीने का उबटन प्रयोग में लिया जाता है। ह्रदय की दुर्बलता, लो ब्लड प्रेशर में यह औषधि की तरह कार्य करता है। पुदीने से बना पिपरमिंट वमन रोकने में काम आता है।