इंदिरा सरकार ने इसलिए रचा बैंकों के राष्ट्रीयकरण का ड्रामा: मोदी
सूरत/भुज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी की सरकार ने तत्कालीन वित्त मंत्री मोरारजी देसाई की बर्खास्तगी के मामले पर पर्दा डालने के लिए बैंकों के राष्ट्रीयकरण का ड्रामा रचा था। गौरतलब है कि मोरारजी देसाई गुजराती थे।
नौ दिसंबर को राज्य विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले सूरत के कड़ोदरा इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह जाति आधारित राजनीति के जरिए समाज में दरार डाल रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात 25 साल पहले कांग्रेस की ओर से किए गए पापों की कीमत अब भी चुका रहा है।
गुजराती अस्मिता का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'मोरारजी देसाई, सूरत के रहने वाले गुजराती, को इंदिरा गांधी ने रातोंरात वित्त मंत्री के तौर पर बर्खास्त कर दिया। बर्खास्तगी के बाद देसाई ने कहा था कि उन्हें सब्जी की तरह फेंक दिया गया। उन्होंने कहा कि देसाई की बर्खास्तगी पर पर्दा डालने के लिए कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण का ड्रामा रचा था।
मोदी ने कहा कि उन्हें (देसाई) बर्खास्त करने के तुरंत बाद अपना चेहरा बचाने की कवायद के तहत सरकार ने रातोंरात बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया जबकि दावा किया गया कि गरीबों की सेवा के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। उन्होंने कहा कि देसाई का बलिदान देने के बाद भी बैंकों के दरवाजे गरीबों के लिए नहीं खुले।
उन्होंने कहा कि जब हम सत्ता में आए थे वे दरवाजे करीब 30 करोड़ गरीबों के लिए बंद थे, प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत कर हमने उन दरवाजों को खोला।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा ने गुजरात में अपने शासन के दौरान लोगों को मंदिर जाने पर विवश कर दिया। मोदी ने कहा, 'वे (कांग्रेस नेता) मुझसे पूछते हैं कि (गुजरात में) 22 साल के शासन के दौरान भाजपा ने क्या किया? (दूसरी चीजों के साथ) हमने कई लोगों को मंदिर जाने के लिए विवश कर दिया।
गौरतलब है कि गुजरात में अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान राहुल ने कई मंदिरों में पूजा-अर्चना की है। भाजपा उन पर ‘नरम हिंदुत्व’ कार्ड खेलने का आरोप लगा रही है।
इस बीच, भुज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि एक परिवार से आगे की नहीं सोच पाने वाले लोग देश का भला नहीं कर सकते। उन्होंने उन पर लगाए जाने वाले एक आरोप का जिक्र करते हुए कहा कि उन पर आरोप लगाया गया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने संबोधन के दौरान अपने भाषण में उन्होंने पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल का नाम नहीं लिया।
मोदी ने कहा, 'इस पर मैंने कांग्रेस के एक मित्र से कहा कि वह एक काम करें। मैंने उनसे कहा कि वह एक कलम और कागज लें और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के शुरू से लेकर अब तक के अध्यक्षों के नाम क्रम से लिखें। जो अपनी पार्टी के नेताओं के नाम नहीं जानते, वे देश के लिए क्या करेंगे?'
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या आपने कभी कांग्रेस नेताओं से (के) कामराज का नाम सुना है? क्या आपने आचार्य कृपलानी का नाम सुना है? क्या आपने नेताजी सुभाष बोस का नाम सुना है? अब आप जब गुजरात का दौरा करते हैं तो आप धेबर भाई का नाम जानते हैं, वे नहीं जानते होंगे कि यहां धेबर भाई उनके एक नेता थे। कामराज और कृपलानी कांग्रेस अध्यक्ष थे। (भाषा)