गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. गुजरात विधानसभा चुनाव 2017
  4. Gujarat Election Hardik Patel
Written By
Last Modified: मंगलवार, 21 नवंबर 2017 (13:03 IST)

अमित शाह का बड़ा दांव, इस तरह करेंगे हार्दिक पटेल को अकेला

अमित शाह का बड़ा दांव, इस तरह करेंगे हार्दिक पटेल को अकेला - Gujarat Election Hardik Patel
गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भाजपा के लिए मुसीबत का कारण बने हुए हैं। इस मुश्किल से पार पाने के लिए भाजपा के 'चाणक्य' अमित शाह ने खुद मैदान संभाल लिया है। शाह ने हार्दिक को अपनों से ही अलग थलग करने के लिए दांव खेलना शुरू कर दिया है। 
 
खबर तो यह भी है कि शाह के हार्दिक पटेल के करीबी कई युवाओं को अपने पाले में खींच लिया है। केतन, अमरीश, चिराग, वरुण और रेशमा के बाद पाटीदार अनामत आंदोलन से जुड़े अन्य युवाओं पर भी शाह की नजर है। ये नेता भाजपा में आने से पहले भगवा पार्टी को जमकर कोसते थे, अब ठीक इसके उलट हार्दिक पटेल उनके निशाने पर हैं। शाह की पूरी कोशिश है कि बचे हुए पाटीदार युवाओं को भी वे हार्दिक से अलग कर दें। बताया तो यह भी जा रहा है अमित भाई की यह रणनीति कारगर साबित होती भी दिख रही है। 
 
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद जो विरोध प्रदर्शन हुए थे, उसे पीछे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि हार्दिक के बचे खुचे साथियों को भी साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाकर भाजपा ने अपने खेमे में करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इसी बीच, हार्दिक के खास दिनेश बांभणिया को धमकी मिली है कि उनके बेटे को स्कूल से ही उठा लिया जाएगा। इस धमकी के डर से दिनेश भाजपा में शामिल हो सकते हैं। दिनेश के एनसीपी में जाने की भी खबरें हैं। 
 
चूंकि कांग्रेस का एनसीपी के साथ चुनावी गठजोड़ नहीं हुआ है, ऐसे में यदि एनसीपी का उम्मीदवार मैदान में उतरता है तो इसका नुकसान कांग्रेस को होगा और स्वाभामिक रूप से लाभ भाजपा को ‍ही मिलेगा। 
 
राजनीतिक जानकार तो यह भी मान रहे हैं कि हार्दिक पटेल को यदि भाजपा अकेला कर भी देगी तो उन्हें खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। क्योंकि शनिवार को मानसा गांव में पटेल की रैली में करीब 70 हजार लोग जुटे थे, जो भाजपा को परेशान करने के लिए काफी है।  
 
बापू का बड़ा दांव : दूसरी ओर भाजपा और कांग्रेस जहां अपने उम्मीदवारों की सूची बनाने में व्यस्त थे, इसी बीच बापू यानी शंकरसिंह वाघेला ने तो अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन पत्र भरने के आदेश भी जारी कर दिए। इन उम्मीदवारों में ज्यादातर वाघेला के करीबी और निकाय चुनाव में हारे हुए हुए नेता हैं। हालांकि बापू ने अब तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है। 
ये भी पढ़ें
पद्मावती दीपिका का सिर सुरक्षित देखना चाहते हैं कमल हासन