कचरा उठाकर ले जाने वाला चोर नहीं कहलाता, ऐसा क्यों?
- दिमाग में काम की चीजों के साथ ढेर सारा कचरा भी भरा होता है और कचरे के बीच काम की चीजें भी ढूँढने पर मिल जाती है। निष्कर्ष यह निकला कि दिमाग व कचरा दोनों इंसान के काम की चीजें हैं।
लेखक लोग खूब साहित्यिक कचरा फैलाते हैं और उपर से अपेक्षा करते हैं कि अधिक से अधिक लोग उसे समेटें और उस पर भी वह कभी खत्म न हो।
नेता लोग मतदाताओं से भले ही वादा न निभाएँ मगर अपने खास समर्थकों-प्रचारकों से किए गए वादे खूब निभाते हैं। कचरे के इस डिब्बे में सबसे अधिक कचरा डालने वाले को सम्मानित किया जाना चाहिए।