मॉस्को। विश्व कप से पहले नेमार की वापसी ब्राजील के लिए निश्चित रूप से मनोबल बढ़ाने वाली है लेकिन गत विजेता जर्मनी और अर्जेंटीना की टीम पिछले कुछ समय से फॉर्म में नहीं हैं और उनकी तैयारियां भी इतनी शानदार नहीं रही हैं।
पिछले हफ्ते क्रोएशिया के खिलाफ पेरिस सेंट-जर्मेन के सुपरस्टार ने मैदान में 45 मिनट के दौरान शानदार प्रदर्शन किया और अपनी फिटनेस संबंधित चिंताओं को खारिज कर दिया। वे पैर में फ्रैक्चर के कारण 3 महीने तक खेल से बाहर रहे थे।
इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि वे 80 प्रतिशत फिट थे लेकिन उन्होंने वादा किया कि 17 जून को स्विट्जरलैंड के खिलाफ ब्राजील के पहले मुकाबले तक वे अपने चिर-परिचित अंदाज में दिखाई देंगे। ब्राजीली कोच टिटे ने नेमार के बारे में कहा कि वापसी के बाद पहले मैच में मुझे उससे थोड़े धीमे प्रदर्शन की उम्मीद थी। अगर उसका प्रदर्शन थोड़ा धीमा होता तो भी मुझे खुशी होती। उन्होंने कहा कि उसने जैसा प्रदर्शन किया, वह सचमुच लाजवाब था।
टिटे के मार्गदर्शन में ब्राजील की फॉर्म से दिखता है कि 5 बार की विश्व चैंपियन टीम को इस बार रूस में 1 खिताब जोड़ने से रोकना मुश्किल होगा। टीम का क्वालीफाइंग अभियान हालांकि लचर ही रहा था जिसके दौरान ही टिटे टीम से जुड़े थे। इसके बाद आत्मविश्वास से भरी सेलेकाओ ने 20 में से 16 मैच अपने नाम किए और जबसे टिटे ने टीम की जिम्मेदारी संभाली, तब से केवल मेलबोर्न में अर्जेंटीना से ही उन्हें 0-1 से हार का मुंह देखना पड़ा। जबसे यूरो 2016 के बाद जुलेन लोपेटेगुई को कोच नियुक्त किया गया तब से वे सही मायने में दावेदारों की सूची में शामिल हो गए।
लोपेटेगुई ने एएफपी से कहा कि स्पेनिश फुटबॉल ने 2008, 2010 और 2012 का ऐतिहासिक समय देखा था लेकिन इसके बाद टीम को इतनी सफलता नहीं मिली और वह इस लय में नहीं रही। उन्होंने कहा कि हमें एक बार फिर एक टीम के तौर पर आगे आना होगा। हमारी महत्वाकांक्षाएं काफी बड़ी हैं लेकिन इस बात से भी वाकिफ हैं कि हम इस विश्व कप में खुद को साबित करना चाहते हैं।
लेकिन स्पेन की असली परीक्षा रूस में होगी, जब टीम 15 जून को क्रिस्टियानो रोनाल्डो की पुर्तगाल के खिलाफ अपने ग्रुप चरण की शुरुआत करेगी। पैर की चोट से बाहर रहने के 8 महीने बाद मैनुएल नुएर की वापसी से निश्चित रूप से जर्मनी के लिए सकारात्मक चीज है लेकिन जोकिम ल्यू की टीम के सामने खिताब बरकरार रखने की कड़ी चुनौती होगी।
वहीं अर्जेंटीना की तैयारियों को यरुशलम में इसराइल के खिलाफ विवादास्पद मैत्री मैच के रद्द होने से झटका लगा, जो विश्व कप शुरू होने से पहले उसका अंतिम मुकाबला होता। फिलिस्तीन ने इस मैच का विरोध किया था जिससे शनिवार को होने वाला यह मैच रद्द हो गया जिसकी टिकटें बिक चुकी थीं।
गोलकीपर सर्गियो रोमेरो पहले ही बाहर हो चुके हैं जिससे अर्जेंटीना की योजना को करारा झटका लगा और मैनुएल लांजिनी के चोट लगने से बाहर होने से उनकी मुश्किलों में और इजाफा हो गया लेकिन टीम मैनेजर ओमार साउतो का मानना है कि सफल टूर्नामेंट के लिए सब सही है। उन्होंने एएफपी से कहा कि मैं 5 विश्व कप में जा चुका हूं और यह सर्वश्रेष्ठ टीम है, क्योंकि इसमें सबकुछ है।
वहीं प्रतिभाशाली फ्रांसीसी टीम काफी उम्मीदों के साथ रूस जाएगी लेकिन डिडिएर डेसचैम्प्स अभी तक टीम के लिए वह फॉर्मूला नहीं ढूंढ सके हैं जिससे कि खिलाड़ियों का उनकी काबिलियत के हिसाब से इस्तेमाल हो सके। पॉल पोग्बा फ्रांस की सफलता में काफी अहम साबित हो सकते हैं लेकिन इटली पर हाल की 3-1 की जीत के दौरान दर्शकों ने उनकी हूटिंग की थी। कोच ने कहा कि लोग पॉल के बारे में काफी बात करते हैं। वह मिडफील्डर है, वह 10वें नंबर का खिलाड़ी नहीं है और न ही वह फॉरवर्ड है।
वहीं इंग्लैंड की टीम काफी युवा है जिसे करीब 1 साल से लगातार 10 मैचों में हार का मुंह नहीं देखना पड़ा है। कोच गेरेथ साउथगेट ने स्वीकार किया कि उनके सामने खिलाड़ियों को चुनने की चुनौती होगी, क्योंकि कोस्टारिका पर 2-0 की जीत में मार्कस रैशफोर्ड ने शानदार प्रदर्शन किया था। (भाषा)