गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. एकादशी व्रत
  4. yogini ekadashi Muhurat 2020
Written By

योगिनी एकादशी 2020 : जानिए Yogini Ekadashi पर कैसे करें पूजन, नियम एवं शुभ मुहूर्त

योगिनी एकादशी 2020 : जानिए Yogini Ekadashi पर कैसे करें पूजन, नियम एवं शुभ मुहूर्त - yogini ekadashi Muhurat 2020
Yogini Ekadashi Muhurat 2020
आषाढ़ मास की योगिनी एकादशी का महत्व तीनों लोक में प्रसिद्ध है। यह एकादशी आषाढ़ कृष्ण ग्यारस के दिन मनाई जाती है। वर्ष 2020 में यह एकादशी 16-17 जून 2020 को मनाई जाएगी। 
 
अगर आप भी किसी श्राप से ग्रसित है, तो उससे मुक्ति पाने के लिए यह दिन बहुत खास है। एकादशी व्रत करने के कुछ खास नियम हमारे पौराणिक शास्त्रों में दिए गए हैं, अत: यह व्रत इस प्रकार से किया जाना शास्त्रसम्मत है।
 
आइए जानें एकादशी व्रत के नियम- 
 
* आषाढ़ कृष्ण एकादशी के एक दिन पूर्व यानी दशमी तिथि को रात्रि में एकादशी व्रत करने का संकल्प करना चाहिए। 
 
* अगले दिन सुबह स्नानादि सभी क्रियाओं से निवृत्त होकर भगवान श्रीहरि विष्णु तथा लक्ष्मी नारायणजी के स्वरूप का ध्यान करते हुए शुद्ध घी का दीपक, नैवेद्य, धूप, पुष्‍प तथा फल आदि पूजन सामग्री लेकर पवित्र एवं सच्चे भाव से पूजा-अर्चना करना चाहिए। 
 
* इस दिन गरीब, असहाय अथवा भूखे व्यक्ति को अन्न का दान, भोजन कराना चाहिए तथा प्यास से व्याकुल व्यक्ति को जल पिलाना चाहिए। 
 
* रात्रि में विष्‍णु मंदिर में दीप दान करते हुए कीर्तन तथा जागरण करना चाहिए। 
 
* एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को अपनी क्षमतानुसार ब्राह्मण तथा गरीबों को दान देकर पारणा करना शास्त्र सम्मत माना गया है।
 
* ध्यान रहें कि इस व्रत में पूरा दिन अन्न का सेवन निषेध है तथा केवल फलाहार करने का ही विधान है। 
 
* दशमी से लेकर पारणा होने तक का समय सत्कर्म में बिताना चाहिए तथा ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करना चाहिए।
 
वर्तमान समय में यह व्रत कल्पतरू के समान है तथा इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के सभी कष्‍टों दूर होते हैं तथा हर तरह के श्राप तथा समस्त पापों से मुक्ति दिलाकर यह व्रत पुण्यफल प्रदान करता है।
 
जानिए योगिनी एकादशी पूजा के शुभ मुहूर्त एवं पारण का समय- 
 
एकादशी तिथि का प्रारंभ- 16 जून, 2020 को प्रातः 05:40 मिनट से शुरू होकर 17 जून, 2020 को सुबह 07:50 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी तथा पारण का समय- 18 जून 2020 को प्रातः 05:28 से 08:14 बजे तक रहेगा। 
 
योगिनी एकादशी की पूजन विधि- 
 
* योगिनी एकादशी से जुड़ी एक मान्यता के अनुसार इस दिन स्नान के लिए धरती माता की रज यानी मिट्टी का इस्तेमाल करना शुभ होता है। इसके अलावा स्नान के पूर्व तिल के उबटन को शरीर पर लगाना चाहिए।
 
* एकादशी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत होकर व्रत शुरू करने का संकल्प लें। 
 
* तत्पश्चात पूजन के लिए मिट्टी का कलश स्थापित करें। 
 
* उस कलश में पानी, अक्षत और मुद्रा रखकर उसके ऊपर एक दीया रखें तथा उसमें चावल डालें। 
 
* अब उस दीये पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। ध्यान रखें कि पीतल की प्रतिमा हो तो अतिउत्तम।
 
* प्रतिमा को रोली अथवा सिंदूर का टीका लगाकर अक्षत चढ़ाएं। 
 
* उसके बाद कलश के सामने शुद्ध देशी घी का दीप प्रज्ज्वलित करें। 
 
* अब तुलसी पत्ते और फूल चढ़ाएं।
 
* फिर फल का प्रसाद चढ़ाकर भगवान श्रीविष्णु का विधि-विधान से पूजन करें।
 
* फिर एकादशी की कथा का पढ़ें अथवा श्रवण करें।
 
* अंत में श्रीहरि विष्‍णु जी की आरती करें।

ज्ञात हो कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है।

 
ये भी पढ़ें
Benefits Of Face Sweating : जानिए क्यों पसीना आना आपकी त्वचा के लिए अच्छा है