दिवाली के पांच दिनी त्योहार के दौरान आप अपनों के बीच ही दीपावली मनाएंगे तो ज्यादा बेहतर होगा। दिवाली के त्योहार धनतेरस से लेकर भाई दूज तक चलता है। दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवें दिन भाई दोज रही है। आओ जानते हैं कि किस तरह करें पांचों दिनों को मैनेज।
धनतेरस :
1. धन तेरस से पहले ही घर की साज-सज्जा, रंग-रोगन, पूजा सामग्री की खीरीदी, वस्त्र खरीदना और पटाखे खरीदना आदि का काम निपटा लें। ऐसा करने से धन तेरस और दिवाली के दिन आपके पास भरपूर समय होगा। बस धन तेरस पर आपको सोना, चांदी या बर्तन ही खरीदने बाजार जाना होगा। यदि आपके गुरु पुष्य नक्षत्र में ही यह कार्य कर लिया है तो और भी समय बच जाएगा।
2. धन तेरस पर दिन में शगुन हेतु ही खरीदारी के लिए बाहर निकलें बाकी समय घर पर यह अपने परिवार के बीच रहकर ही धनतेर का त्योहर मनाएं। यह तय कर लें कि यदि इस दिन आप बाहर भोजने करने का प्लान बना रहे हैं तो आपको अतिरिक्त सावधानी रखना होगी।
नरक चतुर्दशी :
1. इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर उबटन लगाकर स्नान किया जाता है। सुबह जल्दी उठने से आपका दिन भी शुभ होगा और एंजॉय करने के लिए समय भी बहुत मिलेगा।
2. आप नरक चतुर्दशी को सुबह जल्दी उठकर कहीं घुमने का प्लान बना सकते हैं या परिवार के बीच दीपावली मिलन कार्यक्रम को अटैंड कर सकते हैं। यह सभी कार्यक्रम दिन में ही हो तो ज्यादा उचित है।
3. इस दिन यमराज के लिए तेल का दीया घर के मुख्य द्वार से बाहर की ओर लगाया जाता है। इसके बाद चतुर्दशी की रात को तेल अथवा तिल के तेल के 14 दीपक अवश्य जलाएं, इससे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
दीपावली :
1. दीपावली के दिन घर पर ही रहकर अच्छे से दिवाली का त्योहार मनाएं। यदि आप पूजा में जितनी देर करेंगे उतना कम लुफ्त उठा पाएंगे लोगों से मिलने और पटाखे छोड़ने में, तो बेहतर होगा कि आप शाम को जो सबसे पहला मुहूर्त हो उसी में लक्ष्मीजी की पूजा अच्छे से कर लें।
2. बहुत से ऐसे लोग हैं जो कि अपने शहर से बाहर या अपने प्रदेश से बाहर किसी अन्य प्रदेश या शहर में नौकरी कर रहे हैं उन्हें तो लंबी छुट्टी की आवश्यकता होती है। ऐसे में वे लोग अपने परिवार के साथ ही अपने नगर चले जाते हैं। यदि वे लोग छुट्टियों को अच्छे से प्लान करें तो दीपावली को अपने घर पर पूजा-पाठ करने के बाद कहीं घुमने जा सकते हैं।
3. कुछ ऐसे लोग हैं जो कि सोचते हैं कि इस बार की दिवाली कहीं ओर मनाई जाए। वे लोग अपने गांव चले जाते हैं या किसी खास रिश्तेदार के यहां दिवाली मनाते हैं। आप भी ऐसा कर सकते हैं। इस बार की दिवाली आप अपने संयुक्त परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर मना सकते हैं या किसी खास जगह पर एंजॉय कर सकते हैं। इसके लिए अपने खुद के वाहन का ही उपयोग करें।
4. कई क्षेत्रों में तो दिवाली पर मेला भी लगता है। ग्रमीण क्षेत्रों में मवेशियों को अच्छे से सजाया जाता है और कई तरह के खेलों का आयोजन भी होता है। परंतु हमारी सलाह है कि आप भीड़ से बचें और अपने परिवार और रिश्तेदारों के बीच ही दिपावली मनाएं।
गोवर्धन पूजा :
1. गोवर्धन की पूजा सुबह या शाम को होती है। यदि आप सुबह कर रहे हैं तो दोपहर या शाम की प्लानिंग करें और यदि शाम को कर रहे हैं तो सुबह और दोपहर की प्लानिंग करें कुछ नया करने की।
2. यदि आपके यहां गोवर्धन पूजा या अन्नकूट महोत्सव नहीं मनाया जाता है तो दीवाली के दूसरे दिन आप अपने घर पर 'दिवाली मिलन समारोह' का आयोजन करके अपने रिश्तेदारों को आमंत्रित कर सकते हैं या आप सभी से मिलने उनके घर जा सकते हैं।
भाई दूज :
1. दीवाली के तीसरे दिन अर्थात भाईदूज पर आप अपनी बहन या भाई के घर जाकर इस त्योहार को मना सकते हैं और कहीं घूमने का प्लान भी बना सकते हैं।
दस सावधानियां रखें : 1.सैनिटाइज साथ रखें, 2.मास्क लगाकर रखें, 3. लोगों से उचित दूरी बनाकर रखें, 4. कहीं भी किसी वस्तु को ना छुएं, 5.हाथ ना मिलाएं, 6.खरीदी गई वस्तुओं को सैनिटाइज करें, 7.भीड़ से बचें, 8.हाथों को समय-समय पर धोते रहें, 9. खरीदारी के दौरान ग्लव्स पहनें और 10.मुंह को तब तक ना छुएं जब तक की अच्छे से हाथ ना धो लें।