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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 (07:19 IST)

Pushya nakshatra: दिवाली के पहले पुष्य नक्षत्र का महासंयोग, नोट करें सोना और वहन खरीदी का मुहूर्त

Pushya Nakshatra 2025
Pushya Nakshatra Yog 2025: दीपावली का प्रमुख त्योहार 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा, जबकि धनतेरस 18 अक्टूबर 2025 को है। पुष्य नक्षत्र इन दोनों प्रमुख पर्वों से कुछ दिन पहले आ रहा है। दीपावली से पहले आने वाला पुष्य नक्षत्र 2025 में 14 और 15 अक्टूबर दोनों ही दिन रहेगा, जो खरीदारी और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ संयोग बना रहा है। इस बार पुष्य नक्षत्र लगभग 24 घंटे से अधिक समय तक रहेगा, जिससे शुभ खरीदारी और अन्य कार्यों के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
 
पुष्य नक्षत्र प्रारंभ- 14 अक्टूबर 2025, मंगलवार को सुबह 11:54 बजे से।
पुष्य नक्षत्र का समापन- 15 अक्टूबर 2025, बुधवार को दोपहर 12:00 बजे तक। 
 
शुभ मुहूर्त 14 अक्टूबर 2025, मंगलवार:-
शुभ मुहूर्त:-
पुष्य नक्षत्र 14 अक्टूबर 2025- सुबह 11:54 बजे से पूरी रात तक रहेगा।
अमृत काल: सुबह 09:33 से 11:07 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:42 से दोपहर 12:28 तक।
विजय मुहूर्त: अपराह्न 02:00 बजे से 02:47 तक।
चौघड़िया मुहूर्त::-
दिन में 09:18 से अपराह्न 12:12 के बीच चर, लाभ और अमृत रहेगा।
 
शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर 2025, बुधवार:-
पुष्य नक्षत्र: 15 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12:00 बजे तक।
योग: साध्य योग पूरे दिन।
विजय मुहूर्त: अपराह्न: 02:00 से 02:46 तक।
चौघड़िया मुहूर्त::-
दिन में 09:17 से अपराह्न 12:11 के बीच चर, लाभ और अमृत रहेगा।

नोट: उपरोक्त में से किसी भी मुहूर्त या चौघड़िया में सोना या वाहन खरीद सकते हैं।
 
मंगल पुष्य (14 अक्टूबर): मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से इसे मंगल पुष्य कहा जाता है। यह संयोग विशेष रूप से जमीन, संपत्ति, और वाहन की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है, क्योंकि मंगल भूमि का कारक ग्रह है।
 
बुध पुष्य (15 अक्टूबर): बुधवार को पुष्य नक्षत्र होने से इसे बुध पुष्य कहा जाता है। यह दिन ज्ञान, शिक्षा, व्यापार और निवेश से जुड़े कार्यों के लिए विशेष फलदायी होता है।
 
पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदें?
पुष्य नक्षत्र पर बृहस्पति (गुरु), शनि और चंद्र का प्रभाव होता है इसलिए सोना, चांदी, लोहा, बहीखाता, परिधान, उपयोगी वस्तुएं खरीदना शुभ होता है। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं जिसका कारक सोना है। स्वामी शनि है अत: लोहा और चंद्र का प्रभाव रहता है इसलिए चांदी खरीदते हैं। स्वर्ण, लोहा या वाहन आदि और चांदी की वस्तुएं खरीदी जा सकती है। इसी के साथ ही बड़े निवेश करना इस नक्षत्र में अत्यंत शुभ माने जाते हैं।