दिवाली में 13 दीपक जलाने का क्या है महत्व? जानें पहला दीया कहां रखना चाहिए
Diwali par 13 Deepak Jalane ka Dharmik Mahatva
Diwali 2024: दिवाली का त्यौहार रोशनी, खुशहाली और सकारात्मकता का प्रतीक है। हिंदू परंपराओं के अनुसार, इस पर्व पर 13 दीपक जलाने का विशेष महत्व माना गया है। इन दीपों को सही स्थान पर रखने से न केवल घर में सुख-समृद्धि आती है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा का नाश भी होता है। आइए जानते हैं दिवाली पर 13 दीपक जलाने के महत्व और इन्हें कहाँ रखना चाहिए।
दिवाली पर 13 दीपक जलाने का धार्मिक महत्व (Diwali par 13 Deepak Jalane ka Dharmik Mahatva)
दिवाली का त्यौहार भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस अवसर पर दीप जलाकर घर को सजाने की परंपरा है, जिससे परिवार में समृद्धि, खुशहाली और शांति बनी रहती है। 13 दीपक जलाने का धार्मिक कारण है कि यह संख्या धन, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
दीप जलाने से आती है सकारात्मक ऊर्जा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीपक जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। 13 दीपक जलाने से पूरे घर का ऊर्जा चक्र सक्रिय होता है, जो परिवार के सभी सदस्यों के जीवन में खुशियाँ लाता है। यह दीपक ईश्वर की कृपा को हमारे जीवन में स्थायी रूप से बनाए रखते हैं।
पहला दीपक कहाँ रखें? (Pehla Deepak Kahan Rakhein?)
दिवाली पर पहला दीपक घर के मुख्य द्वार पर रखा जाना चाहिए। यह दीपक घर में लक्ष्मी जी का स्वागत करता है और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करता है। मुख्य द्वार पर दीपक रखने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की बरकत बनी रहती है।
अन्य स्थान जहाँ दीपक रखने चाहिए
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पूजा स्थान पर: यहाँ दीपक जलाने से घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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रसोई में: रसोई में दीपक जलाना देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद पाने का प्रतीक है।
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आँगन में: यहाँ दीपक जलाने से घर का वातावरण शुद्ध और पवित्र रहता है।
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तुलसी के पास: तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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खिड़की पर: खिड़की पर दीपक रखने से आसपास की ऊर्जा शुद्ध होती है।
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घर की छत और मुंडेर पर: पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
13 दीपकों का क्रम और उनका महत्व (13 Deepakon ka Kram aur Unka Mahatva)दीपावली पर 13 दीपक जलाना विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करता है:
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पहले दो दीपक: मुख्य द्वार पर - नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालता है।
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तीसरा दीपक: पूजा स्थल - ईश्वर की कृपा बनाए रखता है।
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चौथा दीपक: रसोई - समृद्धि और भोजन की बरकत।
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पाँचवा दीपक: तुलसी के पास - स्वास्थ्य और शांति।
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छठा दीपक: आँगन - घर का पवित्रता बढ़ाता है।
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बाकी दीपक: घर की छत, मुंडेर और विभिन्न हिस्सों में रखकर पूरे घर को रोशन करें।
13 दीपक जलाने की यह परंपरा सिर्फ रोशनी फैलाने का कार्य नहीं करती, बल्कि यह पूरे घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। दिवाली के दिन इस विशेष अनुष्ठान को अपनाकर अपने जीवन में समृद्धि और खुशहाली का स्वागत करें।
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