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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 (17:53 IST)

Dhanteras 2025: धनतेरस पर शनि प्रदोष का महासंयोग, शिव कृपा से ये उपाय दिलाएंगे दोगुना लाभ

Dhanteras 2025
Shani Pradosh Vrat on Dhanteras: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला धनतेरस का पर्व इस वर्ष एक दुर्लभ और अत्यंत शुभ संयोग लेकर आया है। जब त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ती है, तो इसे शनि प्रदोष व्रत का महासंयोग कहा जाता है। इस वर्ष यह पवित्र संयोग धनतेरस के दिन निर्मित हो रहा है, जिससे भक्तों को एक ही दिन में चार देवों का आशीर्वाद और दोगुना लाभ कमाने का सुनहरा अवसर मिल रहा है।

क्या है दुर्लभ संयोग का आध्यात्मिक महत्व: धनतेरस मुख्य रूप से मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। वहीं, शनि प्रदोष व्रत भगवान शिव और न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। इन दोनों पावन तिथियों का एक साथ आना ज्योतिष शास्त्र में महासंयोग माना जाता है, जो भक्तों के जीवन में संतुलित समृद्धि लाता है:
1. धन-समृद्धि और ऐश्वर्य: मां लक्ष्मी और कुबेर की कृपा से धन आगमन के मार्ग खुलते हैं और आर्थिक संपन्नता आती है।
2. उत्तम स्वास्थ्य और आरोग्य: भगवान धन्वंतरि की पूजा से व्यक्ति रोग मुक्त होता है और जीवन में स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
3. कष्टों से मुक्ति और दोष निवारण: भगवान शिव और शनिदेव की संयुक्त कृपा से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और अन्य शनि दोषों का नकारात्मक प्रभाव कम होता है, जिससे जीवन के बड़े कष्टों से मुक्ति मिलती है।

दोगुना लाभ पाने के लिए करें ये चमत्कारी उपाय
इस दुर्लभ महासंयोग का अधिकतम लाभ उठाने के लिए भक्तों को शास्त्रों में बताए गए विशिष्ट उपाय प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय) में अवश्य करने चाहिए:
  1. दीपदान: धनतेरस पर दीपदान की परंपरा यमराज को समर्पित है। इस दिन सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य द्वार और आंगन में 13 दीपक जरूर जलाने चाहिए। एक दीपक यमराज के नाम से दक्षिण दिशा में भी रखें। यह उपाय अकाल मृत्यु के भय को टालता है और परिवार को सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. शिव अभिषेक: प्रदोष काल में भगवान शिव का अभिषेक करें। उन्हें बेलपत्र, शमी पत्र, भांग, धतूरा और गंगाजल अर्पित करें। शिव दारिद्र्य दहन स्तोत्र का पाठ दरिद्रता दूर करने में विशेष फलदायी माना जाता है।
  3. शनिदेव को प्रसन्न करें: शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनिदेव को काले तिल, उड़द दाल या तेल अर्पित करें। शनि मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का 108 बार जाप करने से शनि दोष और बाधाएं दूर होती हैं।ALSO READ: Dhanteras 2025: धनतेरस की रात करें ये चमत्कारी उपाए, मां लक्ष्मी की विशेष कृपा से हो जाएंगे मालामाल
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