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विश्व जनसंख्या दिवस : जानिए कैसे रहें जागरूक, कारण, सुझाव और नुकसान

विश्व जनसंख्या दिवस : जानिए कैसे रहें जागरूक, कारण, सुझाव और नुकसान - problems with population growth
World Population Day
 
पूरे विश्व में साल-दर-साल बढ़ती आबादी को देखते हुए '11 जुलाई 1989' से जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 'विश्व जनसंख्या दिवस' मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन बढ़ती जनसंख्या से होने वाले दुष्परिणामों पर के बारे में समझाया जाता है और साथ ही लोगों को जागरूक किया जाता है, क्योंकि जनसंख्या पर नियंत्रण रखना जरूरी है। इस दिन जनसंख्या वृद्ध‍ि के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालने और लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कि‍या जाता है।
 
आइए जानें जनसंख्या वृद्धि के कारण :
 
1. आज भी हमारे देश में कई ऐसे पिछड़े इलाके व गांव हैं, जहां बाल विवाह की परंपरा प्रचलित है जिसके कारण कम उम्र से ही बच्चे पैदा होने शुरू हो जाते हैं, फलस्वरूप अधिक बच्चे पैदा होते हैं।
 
2. शिक्षा का अभाव जनसंख्या वृद्धि की एक बड़ी वजह है।
 
3. रूढ़िवादी सोच और पुरुष-प्रधान समाज में लड़के की चाह में लोग कई बच्चे पैदा कर लेते हैं।
 
4. आज भी कई ऐसी जगहें हैं, जहां बड़े-बुजुर्गों की ऐसी सोच होती है कि यदि उनकी पुश्तैनी धन-संपत्ति अधिक है, तो उसे आगे बढ़ाने और संभालने के लिए ज्यादा लड़के पैदा किए जाएं। कई मामलों में शादीशुदा जोड़ों पर बच्चे पैदा करने का दबाव तक बनाया जाता है।
 
5. शिक्षित और मध्यमवर्गीय परिवार की यह सोच कि 'अधिक बच्चे विशेष तौर पर लड़के यानी उनके बुढ़ापे का सहारा'।
 
6. परिवार नियोजन के महत्व को समझाए बगैर ही युवाओं की शादी कर देना भी एक मुख्य कारण है। इस तरह की बातों पर आज भी घर-परिवारों में चर्चा करना गलत समझा जाता है और बिना अपने युवा बच्चों को संबंधों और उनके परिणामों के बारे में बताए बगैर ही सीधे उनकी शादी कर दी जाती है। ऐसे में कई मामलों में लोग अज्ञानतावश ही बच्चे जन्म ले लेते हैं।
 
7. आज भी लड़कियों को गर्भ निरोधक के उपाय संबंधित जानकारी शादी के पहले नहीं दी जाती है और कई मामलों में शादी के बाद भी कैसे अनचाहे गर्भ से बचें, उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं होती है।
 
8. गरीबी भी जनसंख्या बढ़ने का मूल कारण है।
 
9. हमारे देश में बहुत से बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। रोजगार की समस्या, यह साफतौर पर बताता है कि आपके बच्चे और देश के विकास में ज्यादा जनसंख्या रुकावट बनती है।
 
आइए जानें जनसंख्या बढ़ने व अधिक बच्चे पैदा करने से क्या नुकसान हैं?
 
1. ज्यादा बच्चों का भरण-पोषण करना मुश्किल होगा। इससे आपका जीवन तो कष्टमय बीतेगा ही, साथ ही बच्चों का भी भविष्य खराब होगा।
 
2. असमानता बढ़ेगी जिसके लिए बाद में आप सरकार को दोष देंगे। लेकिन इसकी असल शुरुआत तो आपके अपने घर से ही हुई है। घर में ज्यादा बच्चे यानी स्कूल में भी ज्यादा, कॉलेज में भी ज्यादा, नौकरी पाने की दौड़ में भी ज्यादा, फलस्वरूप प्रतिस्पर्धा ज्यादा और इस प्रकार पूरे समाज, दुनिया में असमानता व भेदभाव को बढ़ावा मिलेगा।
 
3. नक्सलवाद जैसी समस्याओं का मूल कारण भी यही सामाजिक असमानता है, जो आगे जाकर लोगों में गरीबी-अमीरी के बीच फासले बढ़ाती है।
 
4. यदि आबादी कम होगी तो विकास का लाभ सभी को बराबरी से मिल सकेगा। कहीं चोरी नहीं होगी और कोई बंदूक नहीं उठाएगा।
 
5. जनसंख्या अधिक होने से समाज की तरक्की धीमी होती है।
 
आइए जानें कैसे बढ़ती जनसंख्या को रोकें : सुझाव
 
1. घर-घर तक पहुंचकर लोगों को जनसंख्या रोकने के तरीके व विकल्प बताएं।
 
2. युवाओं का 25-30 की उम्र से पहले विवाह न करें और 2 बच्चों के बीच कम से कम 5 साल का अंतर रखने की वजह समझाएं।
 
3. अधिक बच्चे पैदा करने वालों का सामाजिक स्तर पर बहिष्कार करें, क्योंकि दूसरे भी यदि ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं, तो इसका असर आपके बच्चों के भविष्य पर भी पड़ेगा। आपके बच्चों के लिए प्रतिस्पर्धा ज्यादा होगी और देश में बेरोजगार होने की आशंका बढ़ेगी।
 
4. जनसंख्या वृद्धि की रोकथाम के लिए इसे सामाजिक और धार्मिक स्तर पर जोड़ें।

- नम्रता जायसवाल