8 साल पहले इंग्लैंड में धोनी ने रचा था इतिहास, आज कोहली के पास भी है मौका
आज का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के नजरिए से बहुत खास है। दरअसल, आज ही दिन ठीक आठ साल पहले भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इतिहास रचते हुए इंग्लैंड को हराकर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। कहने को तो ये मुकाबला 50-50 ओवर का होना था, लेकिन बारिश और खराब मौसम के चलते इस ऐतिहासिक मुकाबले को टी-20 फॉर्मेट में तब्दील कर दिया गया था।
पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहने वाली टीम इंडिया के सामने फाइनल में परिस्तिथियां बिल्कुल अलग थी, लेकिन वह फाइनल भी क्या फाइनल जिसमें भरपूर रोमांच, एक्शन न हो...
मैच की शुरुआत इंग्लैंड के टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के साथ हुई और टीम इंडिया ने 20 ओवर के खेल में 129-7 का स्कोर बनाया। टीम के लिए विराट कोहली (43), रवींद्र जडेजा (33) और पूरे टूर्नामेंट में बल्ले से धूम मचाने वाले शिखर धवन (31) रन बनाए थे। इंग्लैंड के लिए रवि बोपारा के खाते में तीन विकेट आई थी। इंग्लैंड के सामने अपने घरेलू दर्शकों के बीच पहली बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए 130 रन बनाने थे।
लक्ष्य का पीछा करते हुए एलिस्टर कुक एंड कंपनी की शुरुआत बेहद खराब देखने को मिली और एक समय टीम का स्कोर 46/4 था... इंग्लैंड के सिर पर हार मंडरा रही थी और टीम इंडिया का जोश देखते ही बन रहा था। लेकिन क्लाइमेक्स अभी बाकि था... पांचवें विकेट के लिए इयोन मॉर्गन और रवि बोपारा ने 54 रनों की साझेदारी कर मैच को और भी रोमांचक बना दिया।
इंग्लैंड की पारी के 15वें ओवर में इशांत शर्मा ने 11 रन खर्च कर मैच भारत के हाथों से निकलने के संकेत दिए थे। हालांकि, फाइनल में भारत की वापसी भी इशांत ने ही कराई। उन्होंने 18वें ओवर में पहले मॉर्गन और अगली ही गेंद पर बोपारा को आउट कर मैच की तस्वीर को ही बदलकर रख दिया।
वैसे जानकारी के लिए बता दें कि, जब 18वें ओवर में धोनी ने इशांत को गेंद थमाई थी तब पूरी दुनिया हैरान रह गई थी, कि जिस गेंदबाज के खिलाफ बोपारा और मॉर्गन आसानी से रन बना रहे थे उसको धोनी ने ऐसे निर्याणक मोड़ पर ओवर कैसे दे दिया। मगर किसी ने सही ही कहा है... धोनी को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
अंतिम ओवर में मेजबान को 15 रनों की दरकार थी और गेंदबाजी आक्रमण गेंदबाजी करने आए थे रवि अश्विन... अश्विन ने शानदार गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड को 124/8 पर ही रोक दिया और भारतीय टीम पांच रन से चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में सफल हुई।
इस ट्रॉफी को जीतने के साथ महेंद्र सिंह धोनी विश्व के पहले ऐसे कप्तान भी बन गए जिन्होंने आईसीसी के तीनों खिताब (T-20 वर्ल्ड, वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी) जीते हो।
आज भी है इतिहास रचने का मौका आज भी टीम इंडिया इंग्लैंड में मौजूद है और आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेल रही है। वैसे तो मुकाबला अभी ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है लेकिन अगर दिनभर में पूरे 98 ओवरों का खेल देखने को मिला तो क्या पता भारतीय टीम यह खिताब भी अपने नाम करने में सफल रहे।