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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 4 जनवरी 2022 (13:14 IST)

भारत में कोरोना की तीसरी लहर शुरू, जनवरी के अंत में दिखेगा पीक, 4 लाख केस/दिन का रिकॉर्ड भी टूटेगा

भारत में कोरोना की तीसरी लहर का दिख रहा अमेरिका पैटर्न, ब्रिटेन की तरह ओमिक्रॉन के रिकॉर्ड केस होंगे दर्ज

भारत में कोरोना की तीसरी लहर शुरू, जनवरी के अंत में दिखेगा पीक, 4 लाख केस/दिन का रिकॉर्ड भी टूटेगा - Third wave of corona starts in India, peak in January, more than 4 lakh cases will come every day
देश में कोरोना के केस चार गुना तेजी से बढ़ने के साथ अब तीसरी लहर की शुरुआत हो गई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्था (ICMR) के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख पद्मश्री डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि अब भारत में कोरोना की तीसरी लहर का आगाज हो चुका है। तीसरी लहर की शुरूआत के साथ कोरोना के केसों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। आज देश में 37 हजार से अधिक नए कोरोना पॉजिटिव केस मिले वहीं 124 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है। इसके साथ अब कोरोना की संक्रमण दर 3.24% पहुंच गई है।  

भारत में क्यों आई कोरोना की तीसरी लहर?- भारत में कोरोना की तीसरी आने के कारण के 'वेबदुनिया' के सवाल पर डॉ रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि भारत में आई कोरोना की तीसरी लहर की वजह कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रान दोनों वैरिएंट का लोगों को तेजी से संक्रमित करना है। अगर सिर्फ ओमिक्रॉन के केस बढ़ते हुए दिखाई देते तो मान सकते थे कि यह केवल वैरिएंट की संक्रमण की तीव्रता दर अधिक होना है।
 
तीसरी लहर में ओमिक्रॉन के साथ डेल्टा वैरिएंट के मामले भी तेजी से बढ़ रहे है इसका सबसे बड़ा कारण लोगों का कोविड एप्रोप्रियट व्यवहार का पालन नहीं करना है। डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित केस बढ़ने का कारण त्यौहार, न्यू ईयर और शादी समारोह के साथ ऐसे सभी आयोजन जहां कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। कोविड एप्रोप्रियट व्यवहार कम होने से ओमिक्रॉन और डेल्टा दोनों वैरिएंट बढ़ते जा रहे है। 
भारत में तीसरी लहर का अमेरिका पैटर्न- भारत में कोरोना की तीसरी लहर अमेरिका की तर्ज पर आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। 'वेबदुनिया' से बातचीत में डॉ रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि जैसे ब्रिटेन को देखे वहां ओमिक्रॉन के मामले अधिक है, जबकि अमेरिका में डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों बढ़ रहा है और भारत में भी अमेरिका का पैटर्न दिख रहा है, इसकी वजह एक बड़े वर्ग का कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना और न ही वैक्सीन लगवना है।
 
भारत में ऐसे लोग जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज अब तक नहीं लगवाई है वह वास्तव में कोरोना की तीसरी लहर के लिए विक्टिम है। ऐसे लोग संक्रमण तेजी से फैला रहे है। अगर देखा जाए तो भारत में वैक्सीन के डोज का कोई संकट नहीं है लेकिन लोगों ने ही वैक्सीन नहीं लगवाई।  
 
जनवरी के अंत में दिखेगा तीसरी लहर का पीक- डॉक्टर रमन गंगाखेडकर के अनुमान के मुताबिक कोरोना के केस जिस तेजी से बढ़ रहे है उसके मुताबिक जनवरी के अंत में देश में कोरोना की तीसरी लहर की पीक दिखाई दे सकती है और तीसरी लहर की पीक में एक दिन में अब तक रिकॉर्ड मामले सामने आएंगे। 

4 लाख केस/ दिन का रिकॉर्ड टूटेगा?-‘वेबदुनिया’ से बातचीत में महामारी एक्सपर्ट डॉ. रमन गंगाखेडकर साफ कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में हमने एक दिन में 4 लाख मामलों का रिकॉर्ड देखा था और अब तीसरी लहर में यह रिकॉर्ड टूटेगा और इससे कहीं अधिक मामले सामने आएंगे इसमें कोई शक नहीं है। तीसरी लहर का पीक में कितने केस आएंगे इसकी संख्या केवल टेस्ट पर निर्भर होगी। 
भारत में कोरोना की तीसरी लहर में हल्के लक्षणों वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट के अधिक केस दिखाई देंगे। इसके चलते सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हल्के लक्षणों से संक्रमित लोग आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए आएंगे। बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम से पीड़ित लोग तब तक टेस्ट नहीं कराते जब तक उनकी सांस नहीं फूलती है। इसके साथ लोगों में पॉजिटिव पाए जाने पर अस्पताल और कोविड केयर सेंटर में भर्ती होने का डर भी है, इसलिए लोग हल्के लक्षण होने पर टेस्ट से बचने की कोशिश करेंगे। 

तीसरी लहर की पीक में ओमिक्रॉन संक्रमित अधिक-‘वेबदुनिया’ से बातचीत में डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि राहत की बात यह रहेगी कि भारत में तीसरी लहर में अधिकांश केस ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों के रहेंगे। इसके साथ ही एक ही परिवार में एक साथ कई लोगों के संक्रमित होंगे, इसकी वजह ओमिक्रॉन वैरिएंट की संक्रमण दर डेल्टा वैरिएंट से कई गुना अधिक होना जिससे यह बहुत जल्द लोगों को संक्रमित करेगा। 
 
ब्रिटेन से भी अधिक खतरनाक होगी तीसरी लहर?- भारत में कोरोना की तीसरी लहर के पीक पर होने की वजह लोगों की बड़ी संख्या में वैक्सीन नहीं लगवाना है। डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि अगर देखा जाए तो ब्रिटेन में केस बड़ी संख्या में आ रहे है जबकि वह 82 फीसदी लोगों का पूर्ण वैक्सीनेशन हो चुका है और केवल 18 फीसदी लोगों को वैक्सीन नहीं लग पाई है। तब भी इतनी बड़ी संख्या में केस आ रहे है जबकि भारत में तो ब्रिटेन की तुलना में करीब दोगुने लोगों को वैक्सीन नहीं लग पाई है तो ऐसे में केस बहुत तेजी से बढ़ेंगे।