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Last Updated : बुधवार, 12 अगस्त 2020 (04:15 IST)

खुश खबर...Corona Vaccine 1 जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध

कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बना रूस

खुश खबर...Corona Vaccine 1 जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध - The Corona vaccine will be available to the public from 1 January
मास्को। रूस कोरोनावायरस (Covid-19) की वैक्सीन (Vaccine) को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। यह वैक्सीन अगले साल 1 जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। रूस का कहना है कि ‘स्पूतनिक वी’ के नाम से जानी जाने वाली कोरोना वैक्सीन सबसे पहले कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी। इसके बाद 1 जनवरी 2021 से यह आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। 
 
स्पूतनिक वी को ‘गैम कोविड वैक’ के नाम से पंजीकरण प्राप्त हुआ है लेकिन रूस के पहले उपग्रह स्पूतनिक की लोकप्रियता को देखते हुए इसे स्पूतनिक वी के नाम से वितरित किया जाएगा।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को यह ऐतिहासिक घोषणा की कि देश के गैमले रिसर्च इंस्टीट्यूट नेवैक्सीन का परीक्षण पूरा कर लिया है और वैक्सीन का पंजीकरण हो गया है। 
उन्होंने साथ ही यह भी खुलासा किया कि उनकी एक पुत्री को भी यह टीका दिया गया है। उन्होंने कहा, मेरी बेटी ने वैक्सीन परीक्षण में हिस्सा लिया। वैक्सीन के पहले डोज के बाद उसका शारीरिक तापमान 38 डिग्री था और एक दिन बाद यह 37 डिग्री हो गया। दूसरे डोज के बाद तापमान हल्का सा बढ़ा और उसके बाद सब ठीक रहा। वह अच्छा महसूस कर रही है और उसमें एंटीबॉडी अच्छी मात्रा में हैं।
 
रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुरश्को ने बताया कि गैमले रिसर्च इंस्टीट्यूट और रूस के रक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित स्पूतनिक वी को गैमले रिसर्च इंस्टीट्यूट और एएफके सिस्टेमा के दवा कारखाने में बनाया जाएगा। एएफके सिस्टेमा ने हर साल करीब 15 लाख वैक्सीन डोज बनाने की बात की है। रूस ने साथ ही 5 अन्य देशों के साथ अगले एक साल में 50 करोड़ वैक्सीन डोज उत्पादित करने के संबंध में समझौता किया है।
रूस का दावा है कि इस वैक्सीन से व्यक्ति दो साल तक संक्रमण से बचा रहता है। यह वैक्सीन व्यक्ति को दो डोज में दी जाती है। पहला डोज देने के तीन हफ्ते के अंतराल के बाद दूसरा डोज दिया जाता है। यह वैक्सीन 18 से 60 साल की उम्र के व्यक्तियों को दी जा सकती है। गर्भवती महिलाओं को यह वैक्सीन नहीं दी जा सकती है और जो व्यक्ति श्वसन संबंधी समस्या से ग्रसित हैं उन्हें बीमारी खत्म होने के बाद ही कोरोना वायरस का टीका दिया जा सकता है।
 
रूस ने बताया कि जानवरों और 38 व्यक्तियों के दो समूहों पर मानव परीक्षण के बाद वैक्सीन का पंजीकरण हुआ है। परीक्षण में वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आया और यह परीक्षण सफल हुआ। गेमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट का कहना है कि इस वैक्सीन पर शोध इस साल फरवरी में शुरू हुआ और दो सप्ताह में पूरा हो गया था। 
 
वैक्सीन का क्लीनिकल परीक्षण 18 जून को शुरू हुआ था। परीक्षण में शामिल सभी भागीदारों में कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई। मानव परीक्षण में शामिल पहले समूह के सभी भागीदार 15 जुलाई और दूसरा समूह 20 जुलाई को डिस्चार्ज हुआ था।
रूस के राष्ट्रपति की वैक्सीन पंजीकरण की घोषणा के बाद कम से कम छह देशों ने स्पूतनिक वी में अपनी रुचि जाहिर की है। ब्राजील के पराना राज्य प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर स्पूतनिक वी के उत्पादन और वितरण को लेकर समझौता करने के प्रति रुचि दिखाई है। 
 
सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुसीस ने कहा है कि अगर सर्बिया के वैज्ञानिक इस वैक्सीन को सही ठहराते हैं तो वह खुद ही टीका लेने को तैयार हैं। उज्बेकिस्तान, इजरायल, अर्जेंटीना और फिलीस्तीन ने भी स्पूतनिक वी के प्रति अपनी रुचि जाहिर की है।
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