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Last Updated : मंगलवार, 11 अगस्त 2020 (15:49 IST)

दुनिया की सबसे Good News, बन गया कोरोनावायरस का वैक्सीन लेकिन..

दुनिया की सबसे Good News, बन गया कोरोनावायरस का वैक्सीन लेकिन.. - Good news Covid-19  Vaccine
मास्को। दुनिया की सबसे बड़ी खबर यह है कि रूस ने कोरोनावायरस के वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अपनी कोरोना संक्रमित बेटी को इसका पहला टीका भी लगवा दिया है।
हालांकि अमेरिका, रूस और भारत जैसे देशों में लगी टीके की होड़ में भले ही रूस ने बाजी मार ली हो लेकिन यह टीका कितना कारगर होगा इसका जवाब भविष्य की गर्त में छिपा हुआ है।
 
रूसी मीडिया के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा है कि सबसे पहले डॉक्टरों और शिक्षकों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी। उसके बाद ही अन्य नागरिकों तक इसे पहुंचाया जाएगा।
 
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रूस के वैक्सीन को लेकर आशंका जाहिर की थी और कहा था कि रूस जल्दबाजी में वैक्सीन ला रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि इस टीके के निर्माण में WHO के मानकों का पालन नहीं किया गया है।
 
भारत में भी इसके टीके का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा था। भारत बायोटेक कंपनी के टीके के ट्रायल का पहला चरण हो चुका था और दूसरे चरण की तैयारियां चल रही थी। जाइड्स कैडिला को भी टीके के ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिल गई थी। 
 
क्या है क्लिनिकल ट्रायल : ये एक तरह की मेडिकल रिसर्च होती है, जिसमें दवा या वैक्सीन की जांच लोगों पर होती है। किसी खास बीमारी की पहचान, इलाज या उसकी रोकथाम के लिए इस तरह की जांच की जाती है। इससे यह समझने में मदद मिलती हैं कि दवा या टीका कितना सुरक्षित और असरदार है। दवाओं और टीके के अलावा मौजूदा दवाओं में किसी नई खोज, किसी नए चिकित्सा उपकरण का भी क्लिनिकल ट्रायल हो सकता है।
 
इंसानी शरीर पर जांच से पहले वैज्ञानिक प्री-क्लिनिकल रिसर्च कहते हैं, ये जांच लैब में ह्यूमन सेल कल्चर पर या फिर चूहे या बंदर जैसे जानवरों पर होती है। 
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